बालोद जिले के ग्राम कसहीकला में सुबह एक किसान के खेत की जमीन अचानक धंस गई। खेत में बना यह गड्ढा करीब 15 फीट लंबा-चौड़ा और 20 फीट से ज्यादा गहरा है। गड्ढे के अंदरसे पानी हिलोरें मारता दिखा, जिससे ग्रामीण इसे किसी अनहोनी का संकेत मान रहे हैं। हालांकि भू-वैज्ञानिक इसे सिंकहोल बता रहे है।
घटना सुबह 11 बजे के आसपास सामने आई, जब खेत मालिक हिंगलाज देवांगन ने देखा कि खेत के बीचों बीच की मिट्टी धंसी हुई है। आसपास के लोगों ने बांस डालकर गहराई मापनी चाही, लेकिन बांस पूरा अंदर चला गया। वहीं गड्ढे में दूर से झांकने पर पानी के अंदर हलचल और उबाल दिख रहा था।
सैकड़ों ग्रामीण देखने पहुंच गए
घटना की खबर तेजी से फैली और पापरा, बुंदेली, फरदडीह, पिरीद, भेंगारी, घीना, लासाटोला सहित आसपास के गांवों से सैकड़ों लोग खेत में बने इस गड्ढे को देखने पहुंचे। भीड़ को देखते हुए सुरेगांव पुलिस मौके पर पहुंची और एहतियातन गड्ढे के चारों ओर लाल रिबन से घेराबंदी की गई।
जवानों को तैनात कर पूरे क्षेत्र को प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया। ग्राम सरपंच ममता साहू ने बताया कि यह गड्ढा सामान्य गहराई से कहीं अधिक है और मिट्टी पूरी तरह नीचे धंस चुकी है।
जल अपक्षय वाले इलाकों में होता है सिंकहोल
भू-वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह सिंकहोल हो सकता है। एक सामान्य प्रक्रिया जो तब होती है जब बरसात का पानी चट्टानों के नीचे मौजूद खाली जगहों में समा जाता है और मिट्टी तथा अन्य अवशेष भी बहकर चले जाते हैं। इससे सतह पर अचानक बड़े गड्ढे बन जाते हैं। ऐसे घटनाक्रम विशेषकर जल अपक्षय वाले इलाकों में अधिक देखे जाते हैं।
विशेषज्ञों ने इस स्थिति को फिलहाल चिंताजनक न बताते हुए लोगों से डरने की बजाय सतर्कता बरतने की सलाह दी है। ग्रामीणों को भी गड्ढे के आसपास जाने से रोका गया है।