छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में पिछले कुछ दिनों से हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। जिले से होकर बहने वाली महानदी, शिवनाथ, हसदेव, लीलागर और जोंक नदियों का जलस्तर तेजी से खतरे के निशान की ओर बढ़ रहा है।
छोटे नालों जैसे कंजी नाला, सेमरताल नाला, लोहरसी नाला और बम्हनी नाला में भी उफान पर है। मंदिर, घर और स्कूल, पंचायत भवन पूरी तरह डूब गए हैं। जबकि बच्चे छत से पानी में छलांग लगाते नहाते हुए नजर आए। ग्रामीण इलाकों में पुल-पुलियों के ऊपर से पानी बह रहा है।
इससे आवागमन बाधित हो गया है। कई क्षेत्रों में सड़कों पर पानी भरने से वाहन चालकों और राहगीरों को जोखिम उठाकर यात्रा करनी पड़ रही है।
जिला प्रशासन सतर्क
हालात को देखते हुए जिला प्रशासन सतर्क हो गया है। कलेक्टर कार्यालय के अनुसार, बाढ़ आपदा नियंत्रण टीमों को सक्रिय कर दिया गया है। एसडीआरएफ की टीमों को संवेदनशील इलाकों में तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों और नालों के किनारे न जाएं।
पूरी तरह डूब गए हैं घर और स्कूल
जलभराव वाले रास्तों से बचें और प्रशासन ने जारी चेतावनी या निर्देशों का पालन करें। ग्राम कामता में जलभराव से एक मंदिर, घर और स्कूल, पंचायत भवन पूरी तरह डूब गए हैं। कई बच्चे छत पर चढ़कर कूदते और नहाते नजर आ रहे हैं। बीती रात शिवरीनारायण जाने के रास्ते में रिंगनी पुल पर पानी का तेज बहाव था।
पुल में फंसी कार
इसके बावजूद एक कार सवार व्यक्ति पुल पार करने की कोशिश कर रहा था। पानी की गहराई और बहाव का अंदाजा न होने के कारण कार बीच में फंस गई और बहने लगी। कार चालक ने किसी तरह दरवाजा खोलकर बाहर निकलकर पेड़ का सहारा लिया। उसने मोबाइल से स्थानीय लोगों और पुलिस को सूचना दी।
स्थानीय लोगों की सतर्कता से पुलिस को जानकारी मिली। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और स्थानीय लोगों की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। जिसके बाद व्यक्ति को सुरक्षित बाहर निकाला गया।