बिलासपुर के बिलासा देवी एयरपोर्ट में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर केंद्र-राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई

Chhattisgarh Crimesबिलासपुर के बिलासा देवी एयरपोर्ट में सुविधाएं बढ़ाने को लेकर केंद्र-राज्य सरकार के सुस्त रवैये पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई है। कोर्ट ने कहा है कि आप स्टेटमेंट दे दीजिए कि सरकार कुछ नहीं कर पाएगी, हम पीआईएल खत्म कर देते हैं। बिलासपुर का भाग्य कभी तो जागेगा।

बता दें कि एयरपोर्ट में नाइट लैंडिंग, रनवे का विस्तार होना है। राज्य सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। लेकिन मामला केंद्र में अटका है। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट को बताया है कि रक्षा मंत्रालय जमीन के बदले ज्यादा रकम की मांग कर रहा है, जबकि सरकार चाहती है कि पहले जमीन उसके नाम हो, तभी आगे का काम शुरू किया जाए।

यहां अटका है काम

साल 2023 में रनवे विस्तार के लिए तत्कालीन सरकार ने सेना की जमीन वापसी की प्रक्रिया पूरी कर ली थी। जमीन के एवज में रक्षा मंत्रालय को 90 करोड़ रुपए मुआवजा दिया गया था। केवल केंद्र सरकार से जमीन वापसी के लिए औपचारिक सहमति देना बाकी रह गया था, जो अब तक पूरा नहीं हुआ।

साल 2025 में 286 एकड़ जमीन पर रनवे बढ़ाने वर्तमान की राज्य सरकार ने अनुमति दे दी है। लेकिन सरकार ने कोर्ट में ये बताया है कि रक्षा मंत्रालय जमीन के बदले ज्यादा रकम की मांग कर रहा है, जबकि राज्य सरकार चाहती है कि पहले जमीन उसके नाम हो, तभी आगे का काम शुरू किया जाए।

जानिए कोर्ट रूम से लाइव…चीफ जस्टिस क्यों हुए नाराज

केस की सुनवाई के दौरान राज्य सरकार ने जवाब में कुछ फोटोग्राफ्स पेश किए। साथ ही दावा किया कि एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग से जुड़े कार्य प्रगति पर हैं। लेकिन, तस्वीरें देखकर चीफ जस्टिस सिन्हा भड़क गए।

उन्होंने सख्ती दिखाते हुए कहा कि- क्या दिख रहा है इन तस्वीरों में? एक गाड़ी खड़ी है, पीछे दो-चार लोग खड़े हैं। काम कहां हो रहा है? जरा हमें भी दिखाइए।

चीफ जस्टिस बोले- कभी तो जागेगा बिलासपुर का भाग्य

चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने कोर्ट में स्पष्ट कहा- हर बार सुनवाई पर समय मांगा जाता है। लेकिन, जमीनी हकीकत कुछ और है। समय मांगने के बाद भी कुछ नहीं होता।

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