स्टेट जीएसटी ने स्वास्थ्य विभाग में सप्लाई करने वाली एक फर्म पर छापेमारी कर 1 करोड़ रुपए की कर चोरी पकड़ी है। रायगढ़ स्थित मेसर्स श्याम सर्जिकल पर स्टेट जीएसटी विभाग की कार्रवाई के बाद फर्म की कारगुजारियां सामने आईं। अपने लाभ को छुपाने और जीएसटी देनदारी से बचने के लिए व्यवसायी ने अपने परिवार वालों के नाम से तीन अन्य फर्म- राहुल इंटरप्राइजेज, नारायणी हेल्थकेयर और पीआर इंटरप्राइजेज बना रखी हैं।
इन फर्मों के बीच आपस में खरीद-बिक्री दिखाकर करीब एक करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी की गई। बता दें कि यह फर्म छत्तीसगढ़ सहित झारखंड और ओडिशा में सरकारी अस्पतालों में सर्जिकल और मेडिकल उपकरणों की सप्लाई करती है।
दरअसल, पिछले चार से पांच साल में इस फर्म ने स्वास्थ्य विभाग में 48 करोड़ रुपए के उपकरणों की सप्लाई की। हालांकि, वास्तविक खरीदी केवल 10 करोड़ रुपए की थी। स्टेट जीएसटी विभाग ने जब इस पूरे मामले की जांच की तो पूरे मामले का खुलासा हुआ।
शुरुआती जांच से पता चला है कि फर्म ने खरीदी मूल्य से चार से पांच गुना अधिक दरों पर सामग्री की सप्लाई की और चार सौ से पांच सौ प्रतिशत तक लाभ कमाया। बता दें कि वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने अधिकारियों को सरकारी आपूर्ति पर विशेष नजर रखने और कार्रवाई करने के लिए कहा है। इसी के तहत राज्य जीएसटी विभाग की टीम ने यह प्रभावी कार्रवाई की है।
भ्रष्टाचार सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी : साय सरकारी निधि और जन स्वास्थ्य से जुड़ी सेवाओं में किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार को सरकार बर्दाश्त नहीं करेगी। इस प्रकार की धोखाधड़ी न केवल आर्थिक अपराध है, बल्कि जनहित के साथ विश्वासघात भी है। कोई भी व्यक्ति या संस्था सरकारी व्यवस्था का दुरुपयोग करके अनुचित लाभ लेने की कोशिश करेगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।