छत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के तहत हुई व्यवसायिक शिक्षा भर्ती को लेकर NSUI ने विभाग पर करप्शन का आरोप लगाया

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ में समग्र शिक्षा के तहत हुई व्यवसायिक शिक्षा भर्ती को लेकर NSUI ने विभाग पर करप्शन का आरोप लगाया है। मामले को लेकर सोमवार को NSUI के कार्यकर्ताओं ने समग्र शिक्षा कार्यालय का घेराव कर दिया। करीब दो घंटे तक कार्यालय के गेट के बाहर जमकर नारेबाजी की गई।

इस दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी तैनात रहा। बल ने कार्यालय के भीतर जाने से कार्यकर्ताओं को रोक दिया। इसके बाद NSUI के कार्यकर्ता गेट के बाहर ही धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। SDM नंद कुमार चौबे ज्ञापन लेने पहुंचे। समझाइश भी दी। लेकिन लंबी बहस के बाद समग्र शिक्षा के अधिकारियों को कार्यालय छोड़ बाहर आना ही पड़ा।

7 दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन

अधिकारियों ने 7 दिन के भीतर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया। लेकिन ये बात कार्यकर्ताओं को रास नहीं आई, पूरे मामले में तीन दिनों के भीतर कार्रवाई करने की मांग NSUI ने की है। मांग पूरी नहीं होने प्रदेशभर में आंदोलन और सीएम हाउस घेराव की चेतावनी कार्यकर्ताओं ने दी है।

एग्जाम का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को

NSUI के प्रदेश उपाध्यक्ष अमित शर्मा ने बताया कि, सरकारी एजेंसियां होने के बावजूद वोकेशनल टीचर भर्ती एग्जाम का जिम्मा प्राइवेट एजेंसी को दिया गया। एजेंसी के लोगों ने परीक्षार्थियों से एग्जाम के बाद 3 से 4 लाख रूपए नौकरी दिलाने के नाम पर लिए गए। लेकिन विभाग खामोश रहा। इस तरह सेटिंग करके अपने रिलेटिव्स और पैसा देने वालों को नौकरी पर रख लिया गया।

बिना मेरिट, बिना परीक्षा… 10 रुपए के स्टांप पेपर पर जबरन एग्रीमेंट

NSUI ने आरोप लगाया कि

  • हजारों युवाओं को अज्ञात कॉलेजों में एक ही दिन में परीक्षा दिलाई गई।
  • न मेरिट सूची जारी की गई,
  • न अंकों का कोई विवरण दिया गया,
  • और मात्र ₹10 के स्टाम्प पेपर पर जबरन एग्रीमेंट कराकर उन्हें भ्रष्टाचार का शिकार बना दिया गया।

₹3 से ₹4 लाख में बिकी नियुक्तियां, रिश्तेदारों को दी सीधी ज्वॉइनिंग

NSUI के कार्यकर्ताओं ने बताया कि

  • लगभग 40,000 युवाओं के साथ धोखा हुआ है।
  • इंटरव्यू के नाम पर चयन किया गया।
  • प्रत्येक चयन के बदले ₹3–4 लाख की वसूली एजेंटों के माध्यम से की गई।
  • चयनित अभ्यर्थियों की मार्कशीट और दस्तावेजों में फर्जीवाड़ा सामने आया है।
  • भर्ती के लिए 7 प्राइवेट कंपनियों को ठेका दिया गया।
  • अधिकारियों के रिश्तेदारों को बिना मेरिट सीधी नियुक्ति दी गई।

कोरोना योद्धाओं को भी नहीं मिली प्राथमिकता, सरकार रही चुप

NSUI ने यह भी कहा कि कोविड काल में सेवा देने वाले नर्सिंग, हेल्थ, आईटी, कंप्यूटर ट्रेड के युवाओं को सरकार की घोषणा के अनुरूप 10% आरक्षण और प्राथमिकता नहीं दी गई। मेल, दस्तावेज और निवेदन होने के बावजूद प्रशासन ने कोई कार्रवाई नहीं की।

NSUI की भर्ती रद्द करने की मांग हो, CBI जांच हो

NSUI ने सरकार के समक्ष पूरे मामले में ये मांग रखी है कि, पूरी भर्ती प्रक्रिया तत्काल रद्द की जाए। कोरोना योद्धाओं को प्राथमिकता और 10% छूट दी जाए। 40,000 परीक्षार्थियों की मेरिट सूची सार्वजनिक की जाए। फर्जी दस्तावेजों की उच्चस्तरीय जांच कर दोषियों पर FIR दर्ज हो। CBI और EOW से आर्थिक भ्रष्टाचार की जांच कराई जाए।