छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जगदलपुर के दो युवकों ने गाड़ियों की खरीदी-बिक्री का व्यापार करने वाले व्यवसायी से 25 लाख रुपए ठग लिए

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में जगदलपुर के दो युवकों ने गाड़ियों की खरीदी-बिक्री का व्यापार करने वाले व्यवसायी से 25 लाख रुपए ठग लिए। दोनों युवकों ने व्यवसायी से गाड़ियों के रजिस्ट्रेशन शुल्क के नाम पर उनसे ठगी की। यह मामला चक्रधरनगर थाना क्षेत्र का है।

जानकारी के अनुसार, बोईरदादर क्षेत्र के कृष्ण वाटिका निवासी राकेश कुमार नागवानी गाड़ियों की खरीदी-बिक्री का बिजनेस करते हैं। उन्होंने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई कि वर्ष 2021 में उन्होंने महिंद्रा फाइनेंस, चोलामंडलम फाइनेंस और मेग्मा फाइनेंस द्वारा जब्त की गई करीब 50 पुरानी गाड़ियों को जगदलपुर में हुई नीलामी में खरीदी थी। इन गाड़ियों में कार, ट्रैक्टर और JCB मशीनें शामिल थी।

इन पुराने मॉडल की गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन जगदलपुर आरटीओ कार्यालय में होना था। इसी सिलसिले में राकेश की मुलाकात अजय उर्फ अज्जु पिल्लई और उसके साथी विपिन साहू से हुई, जो जगदलपुर के भगत सिंह स्कूल के पीछे लालबाग क्षेत्र के रहने वाले हैं। दोनों ने खुद को आरटीओ एजेंट बताया और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया पूरी कराने की बात कही।

उनकी बातों पर भरोसा कर राकेश ने सभी वाहनों और JCB मशीनों की डिटेल उन्हें सौंप दिया।

अलग-अलग समय में रुपए की डिमांड

अक्टूबर 2021 में अज्जु और विपिन ने राकेश से सभी वाहनों के पंजीयन शुल्क के नाम पर कई बार अलग-अलग किश्तों में रकम की मांग की। दोनों ने भरोसा दिलाया कि वे जल्द ही सभी वाहनों का रजिस्ट्रेशन आरटीओ ऑफिस से करवा देंगे।

इस पर राकेश ने अपनी पत्नी संध्या नागवानी, परिचित पंकज महथा की पत्नी निभा महथा और दोस्त समीर खान की बहन सरातुनिशा के फोन-पे खातों से किस्तों में कुल 25 लाख रुपए अज्जु और विपिन को ट्रांसफर कर दिए।

हालांकि, बाद में सामने आया कि आरोपियों ने 14 गाड़ियों का रजिस्ट्रेशन राकेश के नाम न करवाकर अन्य व्यक्तियों के नाम पर करा दिया था।

तब लगने लगा मामला गड़बड़

बाद में जिन वाहनों का रजिस्ट्रेशन कराया गया था, उसे आरटीओ कार्यालय जगदलपुर द्वारा निरस्त कर दिया गया। जब राकेश ने इस बारे में अजय उर्फ अज्जु और विपिन से पूछताछ की, तो उन्होंने बहाना बनाते हुए कहा कि कुछ सुधार कराने के लिए ही रजिस्ट्रेशन रद्द करवाया गया है।

इस जवाब से राकेश को शक हुआ। जब वह खुद आरटीओ कार्यालय जगदलपुर पहुंचे, तो उन्हें जानकारी मिली कि जिन वाहनों का पंजीयन किया गया था, उनका टैक्स जमा नहीं किया गया था, इसलिए रजिस्ट्रेशन निरस्त किया गया है।

चक्रधर नगर थाने में दर्ज कराई रिपोर्ट

धोखाधड़ी का अंदेशा होते ही राकेश ने कई बार दोनों आरोपियों से पैसे लौटाने की मांग की, लेकिन वे लगातार टालते रहे। अंततः राकेश ने सोमवार को चक्रधर नगर थाना पहुंचकर मामला दर्ज कराया।

जांच जारी, आरोपियों पर केस दर्ज

डीएसपी सुशान्तो बनर्जी ने जानकारी दी कि चक्रधर नगर थाना में धोखाधड़ी का अपराध दर्ज कर लिया गया है। आरोपियों के खिलाफ उचित धाराओं में केस कायम कर लिया गया है और मामले की जांच जारी है। जांच के बाद मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी।