ट्रैकिंग में ग्राम हाटी के बाद पुरूंगा में भी पदचिन्ह दिखे, फिर सामरसिंघा बीट में भी वही पैर के निशान नजर आए। इस दौरान सामरसिंघा के जंगल में एक ही स्थान पर जंगली सुअर और बाघ दोनों के पैरों के निशान एक साथ दिखे है। वन विभाग के मुताबिक, तेंदुए ने शिकार के लिए 20 KM सफर तय किया है।
जंगली सुअर को पकड़ने का प्रयास
सामरसिंघा के जंगलों में बाघ और सुअर के पैर के निशान एक साथ देखे जान पर वन अमले ने आशंका जताई है कि बाघ ने जंगली सुअर को पकड़ने का प्रयास भी किया होगा, लेकिन इसके अलावा वहां कोई अन्य अवशेष या प्रमाण नहीं मिले।
20-22 KM का सफर तय किया
विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अमूमन तेंदुआ और अन्य जानवर इतना लंबा सफर नहीं करते। बाघ रात में शिकार की तालाश में लंबा सफर भी करता है। इस पदचिन्ह को देखकर कहा जा रहा है कि रात भर में इसने करीब 20-22 किमी का सफर तय किया है
कोरबा वन मंडल में मिले थे पदचिन्ह
2 दिन पहले कोरबा जिले के कटघोरा वन मंडल में भी बाघ के पदचिन्ह देखे गए थे। जिसके बाद उसका फुटप्रिंट भी लिया गया था। ताकि इसकी पुष्टि की जा सके। वहीं ग्रामीणों को भी सतर्क रहने कहा गया था। ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि कोरबा जिले से यह बाघ रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ वन मंडल में पहुंचा है।
ट्रैप कैमरे मंगाए गए हैं
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि लगभग बाघ के पंजों के निशान नजर आ रहे हैं। ऐसे में कोरबा से ट्रैप कैमरा भी मंगाया जा रहा है। इसके अलावा टीम भी निगरानी में लगी है। ताकि उसकी पूरी तरह से पुष्टि हो सके।