छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में एक सरकारी राशन दुकान को चलाने वाली स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष और सचिव ने हितग्राहियों को तीन महीने का चावल, शक्कर और नमक नहीं बांटे। जबकि उन्होंने हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर यह दिखा दिया कि राशन दे दिया गया है। इस धोखाधड़ी की शिकायत पर अब पुलिस में मामला दर्ज कर लिया गया है और जांच शुरू हो गई है। यह मामला धरमजयगढ़ थाना क्षेत्र का है।
खाद्य निरीक्षक सुधारानी चौहान ने धरमजयगढ़ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है कि शाहपुर की रामेश्वरी स्व-सहायता समूह की अध्यक्ष और विक्रेता रामेश्वरी कंवर और सचिव उमा बाई खड़गांव की सरकारी राशन दुकान का संचालन करती हैं।
आरोप है कि इन दोनों ने जनवरी, फरवरी और मार्च महीनों में हितग्राहियों से ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगवा लिया, लेकिन उन्हें राशन नहीं दिया। जब इसकी शिकायत खाद्य विभाग में हुई, तो दुकान का निरीक्षण किया गया।
जांच में सामने आया कि फरवरी में 250 और मार्च 2025 में 480 राशन कार्डधारियों को राशन नहीं बांटा गया। इसमें चावल 243.05 क्विंटल, शक्कर 5.76 क्विंटल, नमक 11.38 क्विंटल और चना 31.48 क्विंटल की गड़बड़ी पाई गई, जिसकी कुल कीमत करीब 11 लाख 93 हजार 533 रुपए है।
हितग्राहियों ने बताया, तीन महीने नहीं मिला राशन राशन दुकान की जांच में हितग्राहियों के बयान लिए गए। तब फुलकुवंर, पदमा, लक्ष्मीबाई, बधाई, चरण कुवंर, रमला, बालमोती, परमीला, खुलासो बाई, रमला राठिया, समेत अन्य हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें फरवरी और मार्च महीने में राशन नहीं मिला है। जबकि संचालिका ने ई-पॉस मशीन पर अंगूठा लगवा लिया गया। पूछताछ में पता चला कि संचालिका ने चार महीने में मात्र 2 पैकेट चने का वितरण किया।
नोटिस भी जारी किया गया बताया जा रहा है कि इसके लिए स्व-सहायता समूह के संचालक को नोटिस भी जारी किया गया। जिसमें 3 दिन के भीतर जवाब मांगा गया था। कोटवार ने रामेश्वरी कंवर के निवास पर नोटिस भी चस्पा किया।
14 मई को डाक के माध्यम से अध्यक्ष रामेश्वरी कंवर और सचिव उमा बाई रामेश्वरी का जवाब प्राप्त हुआ। जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया, जिसके बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई गई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज करते हुए मामले को जांच में लिया है।