बिलासपुर में खनिज विभाग के अफसर बदलने के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा

Chhattisgarh Crimesबिलासपुर में खनिज विभाग के अफसर बदलने के बाद भी हालात में कोई सुधार नहीं हो रहा है। प्रतिबंध के बाद भी जिले में रेत, मुरूम और मिट्‌टी की बेतरतीब तरीके से अवैध उत्खनन और परिवहन हो रहा है। बुधवार को खनिज विभाग ने छापेमारी की, तब 5 ट्रैक्टर के साथ ही 700 घन मीटर रेत के अवैध भंडारण को जब्त किया।

दरअसल, राज्य शासन ने मानसून शुरू होने के साथ ही 15 अक्टूबर तक रेत, मुरम और मिट्‌टी जैसे खनन पर रोक लगा दिया है। इसके बावजूद जिले में माफिया सक्रिय हैं। कलेक्टर की सख्ती का भी खनिज माफियाओं पर कोई असर नहीं हो रहा है।

पिछले 2 जुलाई को उप संचालक डॉ. दिनेश मिश्रा और खनिज अधिकारी रमाकांत सोनी का तबादला हो गया। जिसके बाद यहां जिले में नए खनिज अधिकारी की पोस्टिंग की गई। बता दें कि रायपुर में पदस्थ नए उप संचालक केके गोलघाटे को यहां डिप्टी डायरेक्टर की जिम्मेदारी दी गई है।

नए अफसर की पहली कार्रवाई, 5 ट्रैक्टर जब्त

नवपदस्थ डिप्टी डायरेक्टर गोलघाटे के जॉइन करने के बाद जिले में पहली बार छापेमारी की गई। जोगीपुर क्षेत्र में रेत का अवैध खनन कर रहे दो ट्रैक्टर जब्त कर रतनपुर थाने के सौंप दिया। आमागोहन क्षेत्र से रेत भरकर ले जा रहे तीन ट्रैक्टर जब्त कर बेलगहना पुलिस चौकी को सौंपे गए।

वहीं नगोई क्षेत्र में लगभग 700 घनमीटर रेत का अवैध भंडारण मिला, जिसे जब्त कर जिला पंचायत सदस्य निरंजन पैकरा की सुपुर्दगी में दिया गया है।

शहर से लेकर गांव तक चल रहा बेखौफ उत्खनन

जिले में प्रतिबंध के बाद भी शहर के अरपा नदी के तट पर दयालबंद, ढेका, दोमुहानी से लेकर कोनी, सेंदरी, कछार के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के रतनपुर, जोगीपुर, कोटा, बेलगहना, सोनपुरी, नगोई, खोंगसरा और आमागोहन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन चल रहा है।

इसके साथ ही खनिज माफिया मुरुम और मिट्‌टी खोदकर बिल्डर को बेच रहे हैं। रेत माफियाओं पर प्रशासन की सख्ती का कोई असर नहीं हो रहा है। रेत का अवैध खनन, परिवहन और भंडारण किया जा रहा है।