छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में IDFC बैंक की एक शाखा में संचालित दो खातों में सवा करोड़ रुपए की ठगी की रकम जमा कराई गई

Chhattisgarh Crimesछत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में IDFC बैंक की एक शाखा में संचालित दो खातों में सवा करोड़ रुपए की ठगी की रकम जमा कराई गई थी। भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की सूचना के बाद इस फर्जीवाड़े का पता चला।

तब पुलिस ने दोनों खाताधारकों और उनके साथियों के खिलाफ ठगी और आईटी एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। इन खातों का संचालन सूरजपुर के तीन युवकों द्वारा किया जा रहा था। मामला कोतवाली थाना क्षेत्र का है।

भारतीय साइबर क्राइम समन्वय केंद्र की ओर से सूरजपुर पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भेजा गया, जिसमें बताया गया कि सूरजपुर के IDFC बैंक के कुछ खातों में ठगी की बड़ी रकम जमा की गई है।

SP प्रशांत ठाकुर के निर्देश पर कोतवाली पुलिस ने जांच शुरू की। जांच में सामने आया कि दोनों खातों में मिलाकर सवा करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की गई थी, जो साइबर ठगी से जुड़ी बताई जा रही है।

संस्थाओं के नाम पर खोले गए खाते

जांच में पता चला कि IDFC बैंक में पहला खाता “डी.एन. चक्रधारी एजुकेशन डेवलपमेंट एसोसिएशन” के नाम पर खोला गया था। इस खाते में 72 लाख 76 हजार रुपए से ज्यादा की रकम जमा हुई है। इस खाते से जुड़े ट्रांजैक्शन को लेकर देश के कई हिस्सों में साइबर क्राइम की शिकायतें दर्ज हुई हैं। संस्था के डायरेक्टर देवनारायण चक्रधारी और महेश कुमार, दोनों सूरजपुर के गंगोटी गांव के रहने वाले हैं।

दूसरा खाता “जन सेवा शिक्षा” नाम से खोला गया, जिसमें 52 लाख 57 हजार रुपए जमा हुए हैं। पुलिस का कहना है कि यह राशि भी साइबर फ्रॉड के जरिए जमा कराई गई है। इस खाते के ट्रस्टी गोलू नारायण चक्रधारी, उनका भाई देवनारायण चक्रधारी और महेश कुमार हैं।

तीन के खिलाफ दर्ज हुई FIR

पुलिस जांच में सामने आया है कि दोनों संस्थाओं के संचालकों में देव नारायण चक्रधारी और महेश कुमार शामिल हैं। वहीं, जन सेवा शिक्षा संस्था में देव नारायण का भाई गोलू नारायण चक्रधारी भी संचालक है।

सूरजपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि तीनों आरोपियों के खिलाफ दो अलग-अलग मामलों में आईटी एक्ट की धाराएं 317(4), 318(2), और 61(2)(i) के तहत केस दर्ज किया गया है। फिलहाल आरोपियों की तलाश की जा रही है।