मिली जानकारी के मुताबिक आरोपी का नाम उमेश गोरले (46) है। वहीं उसकी पत्नी का नाम उषा गोरले (43) है। पति-पत्नी ने मिलकर नवंबर 2022 से अप्रैल 2025 के बीच ग्राहकों के नाम पर फर्जी लोन, ओवरड्राफ्ट खाते और नेट बैंकिंग का मिसयूज कर पैसे निकाले हैं। ठगी के पैसों से एक कार भी खरीदी।
जानिए कैसे खुला पूरा राज ?
दरअसल, 26 जुलाई को मैनेजर रिंकू कुमार ने डोंगरगढ़ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन्होंने बताया था कि उमेश गोरले (46) ने नवंबर 2022 से अप्रैल 2025 के बीच ग्राहकों के नाम पर फर्जी लोन, ओवरड्राफ्ट खाते और नेट बैंकिंग का मिसयूज कर पैसे निकाले हैं।
उन्होंने बताया कि उमेश पहले रकम को मणप्पुरम गोल्ड लोन खातों में ट्रांसफर करता था। इन खातों में उसका अपना खाता भी लिंक था। इसके बाद वह पैसे पत्नी उषा गोरले (43) और मां तारादेवी गोरले के खातों में ट्रांसफर कर देता था।
मां का अकाउंट भी हैंडल करता था आरोपी
पुलिस जांच में यह भी पता चला है कि तारादेवी का बैंक खाता उमेश के मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी से जुड़ा था। ऐसे में आरोपी की मां के खिलाफ भी जांच शुरू कर दी गई है। पुलिस ने धोखाधड़ी के पैसों से खरीदी गई कार, लैपटॉप, मोबाइल जब्त कर लिया है। अब तक 43 खाताधारकों ने शिकायत दर्ज कराई है।
इसके अलावा बैंक के दस्तावेज, पासबुक, एटीएम कार्ड और स्टाम्प पेपर भी बरामद किए गए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 318(4), 316(5) और 3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर किया है। दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है।