हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस बार बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे की बदहाली को संज्ञान में लिया

Chhattisgarh Crimesहाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा की डिवीजन बेंच ने इस बार बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे की बदहाली को संज्ञान में लिया है। नाराज सीजे ने कहा कि अब केवल शपथपत्र देने से काम नहीं चलेगा। प्रोजेक्ट मैनेजर उसी सड़क मार्ग से आकर हाईकोर्ट में रिपोर्ट प्रस्तुत करें। मंगलवार को फिर से इस मामले की सुनवाई होगी।

दरअसल, बिलासपुर-रायपुर नेशनल हाईवे प्रदेश की सबसे व्यस्ततम और महत्वपूर्ण सड़क है, जिसमें रोजाना हजारों गाड़ियां चलती है। यह प्रदेश की राजधानी और न्यायधानी को आपस में जोड़ती है। इसके साथ ही बिलासपुर संभाग से होकर अंबिकापुर और रायगढ़ की ओर भी जाती है। बावजूद, इसके हाईवे की हालत काफी खराब है। निर्माण के बाद से जगह-जगह दरारें पड़ गई है, जिसका मेंटेनेंस भी सही तरीके से नहीं किया जा रहा है।

हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लेकर की सुनवाई नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अधिकारियों की लापरवाही और उदासीनता के चलते इसका सही तरीके से रखरखाव नहीं हो रहा है। जबकि, इसकी जिम्मेदारी संबंधित ठेकेदार की है। चीफ जस्टिस सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने हाईवे की खराब हालत को लेकर हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाइ है। मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए हाईकोर्ट ने इसकी सुनवाई शुरू की है।

चीफ जस्टिस ने NHAI के वकील से कहा- आपने तो देखी होगी न सड़क मामले की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि एनएचआई के वकील प्रोजेक्ट मैनेजर से मिलने जाते होंगे। उन्होंने तो सड़क की हालत देखी होगी। नेशनल हाईवे पर थोड़ा-बहुत मेंटनेंस करते हैं। इसके लिए लगाए गए स्टापर बेतरतीब तरीके से पड़ी रहती है। जिसे देखने वाला कोई नहीं है। हम नेशनल हाईवे में चले या न चलें। पेंच वर्क करने के लिए सड़क पर मटेरियल छोड़ दिया गया है, जिससे गंदगी फैल रही है। वहीं, इससे हादसे होने की आशंका भी बनी रहती है। लगातार एक्सीडेंट हो रहे हैं और जनहानि हो रही है। इसके साथ ही मवेशी भी इस सड़क पर दुर्घटना का शिकार होकर अपनी जान गंवा रहे हैं।

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