रायपुर रेलवे स्टेशन को 470 करोड़ रुपए की लागत से मॉडल स्टेशन के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसी प्रक्रिया के तहत स्टेशन के दो पुराने फुट ओवरब्रिज (एफओबी) तोड़े जाएंगे। रेलवे की नई ड्रॉइंग और डिजाइन के मुताबिक दोनों ओवरब्रिज नई लोकेशन पर आधुनिक सुविधाओं के साथ फिर से बनाए जाएंगे।
निर्माण के लिए स्टेशन परिसर में मार्किंग कर दी गई है और गुढ़ियारी की तरफ मौजूद एस्केलेटर को हटाने का काम भी शुरू हो गया है। रेलवे के अनुसार, पुराने ओवरब्रिज कई दशक पुराने हैं और बढ़ते यात्रियों के दबाव के कारण इनकी क्षमता पर्याप्त नहीं है।
रायपुर स्टेशन पर रोजाना करीब 120 ट्रेनें और लगभग 70 हजार यात्री आते-जाते हैं, जबकि यहां सिर्फ तीन फुट ओवरब्रिज हैं। दो पुराने ओवरब्रिज की चौड़ाई कम होने से एक साथ दो ट्रेन आने पर अक्सर भीड़ और जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे हादसे का खतरा बना रहता है।
इसलिए इन्हें हटाकर चौड़े, सुरक्षित और आधुनिक एफओबी बनाए जा रहे हैं जिनमें एलिवेटर और एस्केलेटर की सुविधा होगी, ताकि बुजुर्गों, दिव्यांगों और बच्चों को सुविधा मिले। काम के दौरान प्लेटफॉर्म पर बैरिकेडिंग लगाई गई है और यात्री एंट्री सीमित की गई है। सीनियर डीसीएम अवधेश कुमार त्रिवेदी के अनुसार, नए एफओबी और एस्केलेटर बनने से स्टेशन पूरी तरह मॉडल स्टेशन के मानकों पर तैयार होगा।