राजधानी रायपुर के गंज मंडी इलाके में कोचिए खुलेआम शराब की बिक्री कर रहे हैं। यहां अस्थायी दुकानें बनाकर सुबह 4 बजे से ही शराब बेची जा रही है। सड़क किनारे अस्थायी दुकान लगाई जाती है। उन्हें गंज मंडी पहुंचने वाले मजदूरों को बेचा जाता है।
स्थानीय कारोबारियों के अनुसार, धड़ल्ले से यह कारोबार कई सालों से चल रहा है। आपराधिक प्रवृत्ति के लोग सिंडिकेट बनाकर कारोबार कर रहे हैं। शराब को दुकान मूल्य से ज्यादा में बेचा जाता है। शराब बेचने के दौरान 5 से 6 लोग मौजूद रहे थे, जो विरोध करने वालों पर जानलेवा हमला करने के लिए तैयार रहते हैं।
सुबह से ही नशे का माहौल
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि, सुबह के समय शराब बिकने से इलाके में नशेड़ियों की भीड़ लग जाती है। इससे महिलाओं और राहगीरों को परेशानी होती है। कई बार विवाद और गाली-गलौज की स्थिति भी बन चुकी है।
आबकारी-पुलिस की चुप्पी पर सवाल
बड़ा सवाल यह है कि, गंज मंडी जैसे व्यस्त इलाके में चल रहे इस अवैध धंधे की जानकारी आबकारी विभाग और पुलिस को कैसे नहीं है? स्थानीय लोगों का आरोप है कि, कार्रवाई में लापरवाही बरती जा रही है या अवैध शराब माफिया को संरक्षण मिल रहा है।
वायरल वीडियो में शराब तस्करों के पास शोले ब्रांड की शराब दिख रही है। यह ब्रांड आबकारी विभाग की तरफ से सरकारी दुकानों में बेचा जाता है। सरकारी शराब बड़े पैमाने पर कोचियों तक किस तरह से पहुंच रही है? ये सवाल भी खड़ा हो रहा है।