
दरअसल, वन विभाग को पिछले कुछ महीनों से आरा मिल में गड़बड़ी और अवैध रूप से इमारती लकड़ी की खरीद-बिक्री कर चिरान और सिलपट बनाने की शिकायतें मिल रही थीं। जिसके आधार पर रेंज अफसर शुभम मिश्रा ने उड़नदस्ता दल को शहर के सभी आरा मिल की अचानक जांच करने के निर्देश दिए।
जिसके बाद उड़नदस्ता प्रभारी, डिप्टी रेंजर और फॉरेस्ट गार्ड की मौजूदगी में टीम ने शनिचरी बाजार में मछली मार्केट के पीछे स्थित गुरुनानक सॉ मिल में दबिश दी।
बड़ी मात्रा में टर्मिलेनिया चिरान और गोला बरामद
इस कार्रवाई के दौरान आरा मिल की तलाश ली गई, जहां बड़ी मात्रा में प्रतिबंधित टर्मिलेनिया चिरान और गोला बरामद किया गया। जिसे जब्त कर वन अधिनियम और छत्तीसगढ़ काष्ठ चिरान अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। वन विभाग के अनुसार जांच पूरी होने तक सॉ मिल सील रहेगी। आगे भी आरा मिलों की जांच और कार्रवाई जारी रहेगी।
बिना दस्तावेज के इमारती लकड़ियों की कटाई
वन विभाग की जांच में यह भी पता चला है कि, आरा मिल में बिना कोई वैध दस्तावेज के इमारती लकड़ियों की कटाई की जा रही है। इस दौरान टीम ने जब्त लकड़ियों के दस्तावेज मांगे। लेकिन, कोई भी दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराया गया। पूछताछ के दौरान भी लकड़ी के स्रोत और वैधता के संबंध में संतोषजनक जानकारी नहीं दी जा सकी।