छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण आदेश जारी करने के साथ ही गैर-शिक्षकीय काम करने वाले टीचर्स ने मोर्चा खोल दिया है। इसमें संकुल समन्वयक भी शामिल हैं, जिन्होंने शिक्षा विभाग के इस फैसले का विरोध शुरू कर दिया है।उनका कहना है कि संकुल समन्वयक स्कूलों में पढ़ाई के साथ-साथ प्रशासनिक और गैर-शिक्षकीय काम भी कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें युक्तियुक्तकरण से मुक्त रखा जाए। दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ अधिकारी-कर्मचारी फेडरेशन ने युक्तियुक्तकरण से पहले प्रमोशन देने की मांग की है।दरअसल, शासन स्कूल शिक्षा विभाग ने राज्य की स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए युक्तियुक्तकरण करने का आदेश जारी किया है। विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल सिंह परदेसी ने इस संबंध में राज्य के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया की जानकारी दी है।
इसके मुताबिक उन्हें ऐसे सभी स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों की लिस्ट तैयार करने के निर्देश दिए हैं, जहां पद नहीं होने के बाद भी शिक्षक काम कर रहे हैं। वहीं, इसमें शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय स्कूलों की भी जानकारी जुटाने कहा है।
संकुल समन्वयकों ने किया युक्तियुक्तकरण का विरोध
इधर, बिलासपुर में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही शैक्षिक संकुल समन्वयकों ने विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि वो नियमित रूप से स्कूल में तीन कालखंड का शैक्षिक कार्य कर रहे हैंइसके साथ ही संकुल स्तर पर अकादमिक, प्रशासनिक और गैर-शिक्षकीय काम भी कर रहे हैं। ऐसे में उन्हें युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया से मुक्त रखा जाए। उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर के माध्यम से शिक्षा सचिव को ज्ञापन सौंपा है।
युक्तियुक्तकरण से पहले हो प्रमोशन
वहीं, छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी और डीपीआई ऋतुराज रघुवंशी से मुलाकात की। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल ने शिक्षकों से जुड़े कई अहम मुद्दों पर चर्चा की।
फेडरेशन ने बीएडधारी सहायक शिक्षकों के समायोजन और विज्ञान सहायक पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू करने पर विभाग का आभार जताया। कहा कि इससे बड़ी संख्या में शिक्षकों को राहत मिलेगी। वहीं फेडरेशन ने युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया में हो रही गड़बड़ियों को लेकर आपत्ति जताई।
उन्होंने कहा कि पहले लंबित स्थानांतरण और पदोन्नति की प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए।