
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की सुनवाई में शुक्रवार 8 जनवरी 2021 को एक दंपति ने सहमति से विवाह बंधन से मुक्त होने का निर्णय लिया। विवाह बंधन से मुक्त होने के लिए पति ने पत्नी को एकमुश्त भरण पोषण की राशि नौ लाख रुपए देने पर सहमति जताई। आयोग ने दोनों पक्षो को निर्देशित किया कि भविष्य में इस प्रकरण से संबंधित आवेदन कही और प्रस्तुत नहीं किया जाएगा।
इस शर्त के उल्लंघन पर आयोग द्वारा जारी आदेश स्वमेव निरस्त माना जाएगा। इसी तरह एक अन्य प्रकरण में महिला द्वारा बिना तलाक के आर्य समाज मे दूसरी शादी करने को गंभीर अपराध माना। इसके लिए आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरनमयी नायक ने महिला को न्यायालय के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करने का सुझाव दिया। इसके साथ-साथ महिला को उनके दोनों बच्चों से मिलने के लिए महिला के सुविधानुसार अधिवक्ता की मध्यस्थता में एक घंटा मिलने देने पर सहमत हुए। इसी तरह तीन माह पूर्व विवाह संबंध में बंधे दम्पति आयोग की समझाइश पर भी एक साथ रहने सहमत नहीं होने पर उन्हें न्यायालय के शरण मे जाने की सलाह दी गई। एक अन्य प्रकरण में आयोग के अध्यक्ष ने महिला और बुजुर्ग के अधिकारों का सम्मान करने की बात कही। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने शुक्रवार को विभिन्न जिलों की महिलाओ द्वारा दिए गए आवेदनों की आयोग कक्ष में जन सुनवाई की। प्रस्तुत प्रकरण शारीरिक शोषण, मानसिक प्रताड़ना, दहेज प्रताड़ना, सम्पत्ति विवाद आदि से संबंधित थे।
छात्राओं को उनके अधिकार के बारे में दी गई जानकारी
सूरजपुर निवासी की राज्य से बाहर रांची में आत्महत्या के प्रकरण में परिजनों ने राज्य महिला आयोग में मृतका के मृत्यु पर कार्रवाई करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। उक्त प्रकरण में उपस्थित मृतक के सहपाठियों ने मृतक छात्रा के संबंध में अध्यक्ष को विस्तार पूर्वक जानकारी दी। दोनों पक्षो को सुनने के बाद प्रकरण को नस्तीबद्ध किया गया। इसके पश्चात उपस्थित छात्राओं को अध्यक्ष ने महिला आयोग के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई। अध्यक्ष ने छात्राओं को महिला अधिकारों से अवगत कराते हुए इन अधिकारों का भविष्य में गलत उपयोग नही करने की सलाह दी।