5 विधायकों की समिति करेगी बीज घोटाले की जांच, डिबार कंपनी से खरीदे थे 2.61 करोड़ के बीज

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य बीज एवं कृषि विकास निगम में फूटे त्रिमूर्ति बीज मामले की जांच अब शुरू होगी। विधानसभा ने इस गड़बड़ी की जांच के लिए पांच विधायकों की एक समिति बना दी है। इसमें कांग्रेस के तीन और भाजपा के दो विधायकों को शामिल किया गया है। इसे विधानसभा के अगले सत्र में अपनी रिपोर्ट पेश करना है।

विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 22 मार्च को नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने प्रश्नकाल में यह मामला उठाया था। जवाब में कृषि एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, गुणवत्ता हीन हाइब्रिड बीज आपूर्ति के मामले में इसी सदन में उन्होंने त्रिमूर्ति प्लांट साइंस कंपनी को प्रतिबंधित करने की घोषणा की थी। इसमें उसका भुगतान भी रोकना था और उसके बीजों को राजसात भी करना था। ऐसा हुआ भी। बाद में इसको डिबार सूची से हटा दिया गया और 2 करोड़ 61 लाख रुपए का भुगतान भी कर दिया गया। यह गलत हुआ है। हम लोगों की जानकारी में बात आई तो इसे फिर से डिबार सूची में डाल दिया गया। विपक्ष का हमला बढ़ा तो कृषि मंत्री विधानसभा की समिति से मामले की जांच स्वीकार कर ली और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने उसी दिन सदन में जांच की घोषणा कर दी।

पिछले महीने ही जारी हुआ आदेश

25 मार्च को विधानसभा के तत्कालीन प्रमुख सचिव चंद्रशेखर गंगराड़े ने समिति के गठन का आदेश जारी कर दिया। इसके तहत पांच विधायकों को जांच का जिम्मा सौंपा गया है। कांग्रेस से अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू को इस समिति का सभापति बनाया गया है। उनके अलावा कांग्रेस के लखेश्वर बघेल, संगीता सिन्हा और भाजपा के नारायण चंदेल व सौरभ सिंह को समिति का सदस्य बनाया गया है। इसकी जानकारी संबंधित विधायकों को अब भेजी गई है।

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