कांग्रेस पदाधिकारियों पर ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने सदन से सड़क तक लड़ाई तेज कर दी है। विधानसभा में शुक्रवार को वॉक आउट के बाद शनिवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में ईडी का पुतला फूंका। राजधानी में पूर्व विधायक विकास उपाध्याय और शहर जिला अध्यक्ष गिरीश दुबे ने विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस भवन गांधी मैदान से विरोध रैली निकाली और राजीव गांधी चौक पहुंच कर प्रवर्तन निदेशालय ईडी एवं केंद्र सरकार का पुतला जलाया। प्रदर्शन की अगली कड़ी में 3 मार्च को सुभाष स्टेडियम स्थित ईडी कार्यालय के सामने पार्टी धरना प्रदर्शन करेगी। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि ईडी विद्वेषपूर्ण कार्रवाई कर रही है। भाजपा के इशारे पर विपक्ष को दबाने का षडयंत्र कर रही है। राजधानी में आयोजित प्रदर्शन में छाया वर्मा शकुन डहरिया अरूण ताम्रकर उधोराम वर्मा मदन तालेडा प्रशांत ठेंग आदि शामिल रहे।
पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि ईडी ने जो जानकारी मांगी थी कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री मलकीत सिंह गैदू ने वह ईडी दफ्तर में जाकर दी लेकिन ईडी ने उनको जबरिया 9 घंटे तक बिठा कर रखा। ईडी सिर्फ कांग्रेस ही क्यों भाजपा के खर्चों की भी पड़ताल करे। 150 करोड़ रुपए की लागत से बने भाजपा कार्यालय कुशाभाऊ ठाकरे को बनाने का रुपया कहां से आया, इसकी भी जांच करे।
रायपुर में भाजपा कार्यालय एकात्म परिसर की जमीन राजनैतिक दल के कार्यालय के लिए भाजपा ने 1 रुपए में हासिल की थी। एकात्म परिसर को व्यावसायिक कांप्लेक्स में तब्दील कर दिया गया, जहां से भाजपा 1.5 करोड़ रुपए किराया वसूलती है। क्या ईडी उसकी जांच करेगी?
रायपुर के अलावा बिलासपुर, बस्तर, बलौदाबाजार, गरियाबंद, महासमुंद, धमतरी, दुर्ग शहर, दुर्ग ग्रामीण, भिलाई, बेमेतरा, राजनांदगांव शहर, राजनांदगांव ग्रामीण, कवर्धा, जगदलपुर शहर, सुकमा आदि में भी प्रदर्शन किया गया।
नारायणपुर, कोण्डगांव, बीजापुर, कांकेर, दंतेवाड़ा, गौरेला-पेण्ड्रा- मरवाही, मुंगेली, कोरबा शहर, कोरबा ग्रामीण, जांजगीर चांपा, रायगढ़ शहर, रायगढ़ ग्रामीण, जशपुर, सरगुजा, बलरामपुर, कोरिया में ईडी का पुतला फूंका गया।
इधर, जासूसी मामले में बैज ने उच्च स्तरीय जांच की मांग की
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने अपनी जासूसी किए जाने की आशंका को लेकर मुख्यमंत्री और डीजीपी को पत्र लिखा है। उन्होंने लिखा कि वह बस्तर जैसे संवेदनशील क्षेत्र से आते हैं, जहां सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चिंता का विषय रहा है। ऐसे में अगर राजधानी में भी सरकार जासूसी कराने लगे तो सवाल उठता है कि वे कहां सुरक्षित हैं? उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की अपील की है।
क्या है मामला?
दीपक बैज ने अपने पत्र में लिखा है कि 26 फरवरी 2025 की रात 12 बजे से 27 फरवरी 2025 की रात 12 बजे तक उनके निवास स्थान के बाहर संदिग्ध गतिविधियां देखी गईं। एक स्कॉर्पियो वाहन में बैठे लोगों द्वारा लगातार निगरानी रखी जा रही थी। जब इस वाहन की जांच कराई गई तो उसमें बैठे व्यक्ति पुलिस विभाग से संबंधित पाए गए। उन्होंने लिखा कि यह वाहन आफिसर्स कॉलोनी, देवेंद्र नगर, रायपुर (थाना गंज) के पास 24 घंटे तक खड़ा रहा। इसमें बैठे लोग संदेहास्पद रूप से उनके निवास स्थान की जासूसी कर रहे थे।