कोरोना महामारी: जादू की गोली या रामबाण नहीं रेमडेसिविर

विशेषज्ञ डॉक्टरों ने जाहिर की राय, इंजेक्शन के भ्रम को किया दूर

Chhattisgarh Crimes

नई दिल्ली। पूरे देश में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से हाहाकार मचा हुआ है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए अस्पतालों में रेमडेसिविर इंजेक्शन की सबसे ज्यादा मांग है। केंद्र सरकार लगातार राज्यों को इस इंजेक्शन की सप्लाई कर रही है। इस बीच, देश के तीन विख्यात विशेषज्ञ डॉक्टरों ने लोगों के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर फैले भ्रम को दूर किया है। इन डॉक्टरों का स्पष्ट तौर पर कहना है कि रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है। ये केवल उन लोगों में वायरल लोड को कम करती है जिन्हें इसकी आवश्यकता होती है। उनका यह भी कहना है कि लोग रेमडेसिविर को जादू की गोली समझना बंद करें।

बुधवार को एम्स दिल्ली के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया, मेदांता हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉ. नरेश त्रेहान और नारायणा हेल्थ के अध्यक्ष डॉ. देवी शेट्टी ने कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव को लेकर जरूरी बातें बतार्इं। अस्पताल में रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर चल रही मारामारी पर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने स्पष्ट किया कि इसे जादू की गोली नहीं समझनी चाहिए। बहुत कम प्रतिशत लोगों को रेमडेसिविर की आवश्यकता होती है। वहीं डॉ. नरेश त्रेहान ने कहा कि कोरोना ठीक करने के लिए यह दवा रामबाण नहीं है। हमने अब एक प्रोटोकॉल बनाया है कि रेमडेसिविर सभी पॉजिटिव मरीजों को नहीं दी जाएगी। यह मरीजों के टेस्ट रिजल्ट, लक्षण, गंभीर बीमारी को देखने के बाद डॉक्टर की ओर से दी जाएगी।

दवा नहीं ट्रीटमेंट हैं आक्सीजन

रेमडेसिविर इंजेक्शन की तरह देश के अस्पतालों में आक्सीजन कम होने की खबरें भी लगातार आ रही हैं। कई जगहों पर आक्सीजन न मिल पाने की वजह से कोरोना मरीजों की जान भी चली गई है। कोरोना इलाज के दौरान आक्सीजन के प्रयोग को लेकर भी डॉक्टरों ने अपने विचार रखे। डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा आॅक्सीजन एक ट्रीटमेंट, यह कोई दवा नहीं है। रुक-रुककर आक्सीजन लेना पूरी तरह से इसको बेकार करना है। अब तक ऐसा कोई डेटा नहीं है जिससे यह पता चलता हो कि आक्सीजन की वजह से आपको कोई मदद मिलती है। इसलिए इसे ट्रीटमेंट के रूप में ही लेना चाहिए न कि दवा के रूप में।

93-94 तक बाहर से आक्सीजन लेने की जरूरत नहीं

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि अगर किसी व्यक्ति के शरीर में आॅक्सीजन की मात्रा 93-94 तक है तो यह जरूरी नहीं कि वह बाहर से आक्सीजन ग्रहण करे ताकि उसका लेवल 98-99 तक पहुंच जाए। इससे उसको किसी तरह का फायदा नहीं होने वाला है। अगर आपके शरीर में आॅक्सीजन की मात्रा 94 से कम है तो इस पर निगरानी रखिए, लेकिन अभी भी आपको बाहर से आॅक्सीजन लेने की जरूरत नहीं है।

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