नई दिल्ली। वर्ष 2019 में चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस ने पिछले तीन-चार वर्षों के दौरान पूरी दुनिया में मौत का भीषण तांडव मचाया है। अब पिछले कुछ महीनों से दुनिया भर में कोरोना के केस लगभग नगण्य हो गए थे। मगर इसका खतरा एक बार फिर से बढ़ गया है। चीन में कोरोना पर से प्रतिबंध हटने के बाद से हालात बेकाबू हो गए हैं। अस्पतालों में थर्मोन्यूक्लियर बेड भर गए हैं। इलाज की व्यवस्था चरमरा गई है। इससे चीन में हाहाकार मच गया है। इलाज के बिना सड़क और गलियों में लोगों की मौत होना शुरू हो गई है।
महामारी विज्ञानियों का अनुमान है कि यही हाल रहा तो चीन में अगले 90 दिनों में करोड़ों लोग संक्रमित हो सकते हैं। हालांकि इस दौरान चीन में संक्रमित होने वाले लोगों का आंकड़ा चीन की 60 फीसद आबादी से कम रहेगा, लेकिन दुनिया भर के करीब 10 फीसदी लोगों के संक्रमित हो जाने का खतरा है। इस लिहाज से करीब 8 अरब लोग कोरोना के शिकार हो सकते हैं। वैज्ञानिकों की इस भविष्यवाणी ने एक बार फिर कोरोना को लेकर पूरी दुनिया में खलबली मचा दी है। माना जा रहा है कि चीन एक बार फिर से पूरी दुनिया में कोरोना फैलने की वजह बन सकता है। जबकि अभी विश्व के लगभग सभी देशों में कोरोना संक्रमण और उसके कारण होने वाली मौतें पूरी तरह नियंत्रण में हैं। सभी देशों में कोरोना के चलते बंद हुई गतिविधियां सामान्य हो चुकी हैं। लॉकडाउन भी सभी देशों में हट चुका है। मगर एक बार फिर से बड़े खतरे ने दस्तक दे दी है।
महामारी विज्ञानियों ने अनुमान लगाया है कि यदि मौजूदा संक्रमण की यही गति जारी रही तो एक बार फिर दुनिया में कोरोना से होने वाली मौतों का तांडव देखने को मिल सकता है। इस बार मौत लाखों में होगी, जिसका अंदाजा लगा पाना भी मुश्किल होगा। वैज्ञानिकों की इस भयावह भविष्यवाणी ने कोरोना से लगभग उबर चुके देशों में भी तहलका मचा दिया है। महामारी विशेषज्ञों का कहना है कि अभी तो यह सिर्फ शुरुआत है। अगले 90 दिन दुनिया पर भार पड़ने वाले हैं। इस दौरान मौतों की गणना कर पाना मुश्किल हो सकता है। माना जा रहा है कि ऐसे में विभिन्न देशों में एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध लगाने समेत कई अन्य कड़े फैसले लिए जा सकते हैं।