साइबर ठगी के शिकार लोगों के करोड़ों रुपए बैंकों में फंसे , परेशान पीड़ित इधर-उधर भटक रहे

Chhattisgarh Crimes
रायपुर: छत्तीसगढ़ के रायपुर में साइबर ठगी के शिकार लोगों के करोड़ों रुपए बैंकों में फंस गए हैं। पुलिस ने आरोपियों को पकड़कर जेल भेज दिया, लेकिन ठगी की रकम पीड़ितों को वापस नहीं मिल पा रही है। पिछले एक साल में पुलिस ने साइबर ठगी के अलग-अलग मामलों में 10 करोड़ से ज्यादा की रकम पकड़ी है।

एक साल में पकड़े गए 10 करोड़ से ज्यादा

यह रकम उन्हीं बैंक खातों में रखी है, जो ठगी के शिकार लोगों को वापस नहीं मिल पाई। इससे पीड़ितों को कोई राहत नहीं मिल पाई है। पुलिस ने कई साइबर ठगों को पकड़ा है, लेकिन ठगी करने वालों की गिरफ्तारी से पीड़ितों को कोई फायदा नहीं मिल पाया है, क्योंकि रकम वापस नहीं मिल पाई है। रायपुर पुलिस ने साल 2024 में अलग-अलग थानों में दर्ज साइबर ठगी के मामलों में 10 करोड़ से ज्यादा की रकम पकड़ी है। इस पकड़ी गई रकम में से एक मामले में सिर्फ 10 लाख और 49 अन्य मामलों में कुल 19 लाख 13 हजार 405 रुपए ही पीड़ितों को वापस मिल पाए। बाकी रकम वापस नहीं मिल पाई।

अब तक नहीं हो सका समन्वय

करीब दो साल पहले पुलिस ने होल्ड राशि वापस दिलाने के लिए विशेष पहल करने का दावा किया था। यह दावा आज तक पूरा नहीं हो सका है। कई पीड़ितों को अपनी राशि वापस पाने के लिए थानों से लेकर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों तक के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। ठगी की गई राशि वापस दिलाने के लिए न्यायालय से आदेश लेना पड़ता है। ऐसे मामलों में पीड़ित द्वारा न्यायालय में आवेदन देना पड़ता है। मामले की सुनवाई होती है। इसके बाद न्यायालय के आदेश से बैंक होल्ड राशि वापस करता है। हालांकि इसमें भी फैसले अधिक दिनों में आ रहे हैं।

साइबर ठगी के 14 हजार से अधिक मामले

रायपुर जिले में पिछले साल साइबर ठगी के 14 हजार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से साइबर सेल और विभिन्न थानों में साइबर ठगी के 7416 मामले और एनसीसीआर पोर्टल पर 7416 मामले दर्ज हुए हैं। इस तरह कुल 14 हजार 832 मामले दर्ज हुए हैं। इनमें से अधिकांश मामलों के आरोपी पकड़े नहीं जा सके हैं।