दसवीं-बारहवीं सीजी बोर्ड एग्जाम की कॉपियों का मूल्यांकन 26 मार्च से शुरू होगा। प्रदेश में 36 मूल्यांकन केंद्र बनाएं गए हैं। जिन मूल्यांकनकर्ताओं को डीबार किया गया है, उनकी लिस्ट जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय और मूल्यांकन केंद्रों को भेज दी गई गई। मई के दूसरे सप्ताह में बोर्ड के नतीजे जारी होने की संभावना है। बोर्ड परीक्षा में इस बार 5.71 लाख परीक्षार्थी हैं।
एक मार्च से परीक्षा शुरू है। दसवीं की परीक्षा 24 तक और बारहवीं की 28 मार्च तक होगी।
हालांकि, मुख्य विषयों की परीक्षा 24 मार्च तक समाप्त हो जाएगी। इस वजह से मूल्यांकन का काम शुरू किया जा रहा है। जानकारों का कहना है कि बोर्ड एग्जाम की कॉपियां जांचने में 20 से 25 दिन का समय लगेगा। इसके बाद फिर रिजल्ट तैयार करने में भी कुछ दिन लगेंगे। इसे लेकर मई में ही रिजल्ट जारी होने की संभावना है। पिछले कुछ वर्षों से दसवीं-बारहवीं का रिजल्ट बढ़ रहा है। पिछली बार यानी सीजी बोर्ड एग्जाम 2024 में दसवीं का रिजल्ट 75.61 प्रतिशत और बारहवीं का 80.74 था।
खिलाड़ियों को 10 से लेकर 20 अंक तक मिलेगा बोनस
बोर्ड एग्जाम में खिलाड़यों, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड समेत अन्य को बोनस अंक देने का प्रावधान है। इस बार जिन छात्रों को बोनस अंक दिया जाना है उसकी लिस्ट लोक शिक्षण संचालनालय से मांगी गई है। खेलकूद में व्यक्तिगत एवं टीम खेल पदक प्राप्त छात्रों को निम्न कैटेगरी के अनुसार बोनस दिया जाता है। राज्य स्तर के मैडल पर 10 अंक, राष्ट्रीय 15 और अंतरराष्ट्रीय के लिए 20 अंक है। एनसीसी में आरडी परेड एवं मावलंकर शूटिंग 15 अंक, वायु सैनिक, नौ सेना और थल सेना 15 अंक, डी कैट कैम्प 10 अंक। एनएसएस आरडी परेड 15 अंक। स्काउट गाइड राज्यपाल 10 और राष्ट्रपति 15 अंक। उल्लास नव भारत साक्षरता कार्यक्रम / साक्षरता कार्यक्रम के स्वंयसेवक/ अनुदेशक कैटेगरी में 10 बोनस अंक देने का प्रावधान है।
दसवीं में 59 और बारहवीं में 68 हुए हैं डीबार
मूल्यांकन में लापरवाही बरतने के मामले में पिछले साल 127 शिक्षकों को डीबार किया गया था। इसमें दसवीं में 59 और बारहवीं में 68 शिक्षक हैं। वे तीन से पांच साल तक बोर्ड की कॉपियां नहीं जांच पाएंगे। जिन मूल्यांकनकर्ताओं से जांची गई कॉपियों में रीवैल-रीटोटरिंग के लिए बाद 20 से 40 अंक तक बढ़े। ऐसे शिक्षकों को तीन साल के लिए मूल्यांकन से बाहर किया गया है। जिनकी कॉपियों में 41 से 49 अंक तक बढ़े उन्हें पांच साल तक मूल्यांकन से बाहर किया गया, एक वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा भी की गई। इसी तरह जिन शिक्षकों से जांची गई कॉपियों में 50 से अधिक अंक बढ़े उन्हें भी पांच साल के लिए डीबार और एक वेतनवृद्धि रोकने की अनुशंसा की गई। पहले 50 अंक या इससे ज्यादा बढ़ने पर आजीवन डीबार करने का प्रावधान था।