रायपुर। देश में बच्चों को गोद लेने के आंकड़े केंद्रीय कानून की जटिलताओं के कारण कम होते जा रहे है। सेंट्रल एडाप्शन रिसोर्स अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ में 3 साल में सिर्फ 243 बच्चों को गोद लिया गया।
अथॉरिटी के आंकड़ों के अनुसार साल 2016-17 में 60, 2017-18 में 91 और 2018-19 में 92 बच्चों को गोद लिया गया है। दरअसल नियमों की जटिलता और गोद लेने की प्रक्रिया में कानूनी पेचीदगियों के चलते कई इच्छुक दंपत्तियों को निराश होना पड़ता है। जबकि राज्य सरकार नियमों के सरलीकरण के पक्ष में है लेकिन मामला केंद्र सरकार पर टिका हुआ है। देश के विभिन्न राज्यों के साथ छत्तीसगढ़ के भी अनाथालयों में बड़ी तादाद में बच्चों को अभिभावकों का इंतजार है, लेकिन कानूनी पेचीदगियों के कारण इच्छुक दंपति बच्चों को गोद लेने से पीछे हट रहे है।
एडाप्शन के मामले में काम करने वाली समाज सेवी संस्थाओं के अधिकारियों के अनुसार बच्चे गलत हाथों में नहीं सौंपे जाने चाहिए और सही लोगों को बच्चों को गोद देने के लिए नियमों में सरलीकरण की आवश्यकता है लेकिन 2017 में दत्तकग्रहण विनिमय लागू होने के बाद से ही गोद लेने की प्रक्रिया में जटिलताएं आने लगी है।