‘जितना आपको हार सिखाती है, उतना जीत नहीं’, मनु भाकर ने बताई मेडल जीतने की पूरी कहानी

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मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक 2024 में 10 मीटर एयर पिस्टल में भारत को ब्रॉन्ज मेडल दिलाया है। वह भारत के लिए ओलंपिक के इतिहास में मेडल जीतने वाली पहली भारतीय महिला निशानेबाज हैं। उन्होंने ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया है। टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल खराब हो गई थी। इसी वजह से वह फाइनल राउंड में नहीं पहुंच पाई थीं। अब उन्होंने पेरिस में मेडल जीतने की कहानी बताई है।

सिर्फ काम पर रखा फोकस

मनु भाकर ने कहा कि मुझे बहुत ही ज्यादा खुशी हुई है। मैं देश के लिए मेडल जीत पाई। आने वाले समय में हम शूटिंग और दूसरे इवेंट में मेडल जीतेंगे। जब आप पोडियम पर जाते हो और मेडल लेते हो, तब आपको समझ आता है, जो भी संघर्ष और समस्याएं हुई थीं। उनसे पार पाते हुए आप यहां तक पहुंचे हैं और फिर आप सब भूल जाते हो। मैं पहले तो बहुत ही ज्यादा नर्वस थी। पूरे मैच में कोई स्कोर बोर्ड या अनाउंसमेंट नहीं सुनी। मै पूरा ध्यान काम पर लगाने की कोशिश कर रही थी। मैं वही सोच रही थी कि अर्जुन कर्म पर ध्यान दो फल की चिंता मत करो। जब अनाउंस किया कि ब्रॉन्ज मेडल, तब मुझे पता चला कि मैंने क्या जीता है।

टोक्यो ओलंपिक में नहीं जीत पाई थीं मेडल

मनु भाकर ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के बाद मैं काफी परेशान थी। मैं बहुत दुखी थी। जितना मैं कर सकती थी। उतना कर नहीं पाई। पूरे शूटिंग दल से कोई मेडल नहीं आया। कितना अच्छा चांस था और हम जीत नहीं पाए। वह दुख लंबे समय तक मेरे साथ चला। अब मैं आगे बढ़ चुकी हूं। मेरा ध्यान आगे आने वाले मैचों पर है। उम्र के बढ़ने के साथ काफी चीजें बदल जाती हैं। जितना आपको हार सिखाती है, उतना आपको जीत नहीं सिखाती है।

अपने कोच जसपाल राणा के बारे में बोलते हुए मनु भाकर ने कहा कि मैं उनसे बहुत साहस सीखती हूं। वह हमेशा पॉजिटिव रहते हैं। वह मुझे कभी हार नहीं मानने देते हैं। अगले दो इवेंट में के लिए उन्होंने कहा कि मेडल की पूरी कोशिश रहेगी।

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