रायपुर। राजधानी रायपुर के लाभांडी के पीएम आवास कालोनी में निगम की लापरवाही की वजह से डायरिया फैल गया है। दो सौ बत्तीस परिवार रहे रहे हैं। इस कालोनी में अब तक 27 लोग इसकी चपेट में आ गए हैं। जिसमें बुजुर्ग से लेकर गर्भवती महिलाएं और छोटे बच्चे भी शामिल हैं। दरअसल, निगम की ओर से यहां पर लगातार टैंकर की व्यवस्था कराई जा रही थी।
कालोनी अध्यक्ष सूरज यादव ने बताया कि पिछले 15 दिनाें से निगम का टैंकर नहीं आया है। जिसकी वजह से लोगों को कालोनी में मौजूद बोर का पानी पीना पड़ा। हालांकि बोर का पानी दूषित है इस मामले में शिकायत हुई थी, जिसके बाद बोर के पानी की उपयोगिता को रोक दिया गया था और निगम द्वारा लगातार यहां पर टैंकर की व्यवस्था कराई जा रही थी।
वहीं कालोनी में निकासी के लिए नालियां और सीवरेज के पर्याप्त बंदोबस्त नहीं किए गए हैं। साथ ही कालोनी के गेट के पास सड़क के दूसरी तरफ नालियों के पानी का भराव होता है। इसकी वजह से गंदा पानी नीचे भूतल में जा रहा है। कालोनीवासियों का कहना है कि दलदल का गंदा पानी बोर में मिल रहा है।जिससे बोर का पानी खराब होने की आशंका है।
लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर ध्यानाकर्षण सहित सारी जानकारियां निगम प्रशासन को दी गई, इसके बावजूद अब तक इसमें कोई सुधार नहीं करवाया गया, जिसकी वजह से अब डायरिया का प्रकोप यहां फैलता हुआ दिखाई दे रहा है।
बोर का पानी सेंपल के लिए भेजा
लगातार आ रही गंदी पानी की शिकायतों और डायरिया की खबर के बाद नगर निगम द्वारा बुधवार को ही के बाेर से पेयजल का सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा है। इसकी रिपोर्ट आने के बाद ही डायरिया फैलने के कारण की कोई आधिकारिक पुष्टि हो पाएगी और इसके बाद आगे लोगों को इससे बचाने के लिए बंदोबस्त किए जाएंगे।
नगर निगम रायपुर जोन-9 के आयुक्त संतोष पाण्डेय ने कहा, कालोनी में टैंकर खड़ा होता है। बोर का पानी दूषित होने की आशंका है, जिसकी वजह से शायद समस्या निर्मित हुई है। नगर निगम रायपुर आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने कहा, डायरिया फैलने की समस्या सामने आई है।आवश्यक व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जा रही हैं। मेडिकल टीम भी मौके पर पहुंकर लोगों का इलाज कर रही है।
वार्ड-51 पंडित विद्याचरण शुक्ल के पार्षद धनेश राजा बंजारे ने कहा, पिछले साल भी पानी की यहां समस्या हुई थी। इसमें 58 लोगों को डायरिया हुआ था। अधिकारियों को इस समस्या से कई बार अवगत कराया गया। अधिकारी आकर काम कराने की बात करते हैं, लेकिन यहां से जाने के बाद काई सुध तक नहीं लेता।