दिव्यांग यशोदा को आखिर कब मिलेगा सरकारी योजना का लाभ ?

Chhattisgarh Crimes

छत्तीसगढ क्राइम्स, मैनपुर/ पुरन मेश्राम

मैनपुर। सरकार आर्थिक सहायता मुहैया कराने के उद्देश से इसलिए योजनाएं बनाती हैं ताकि असहाय, गरीबों और जरूरतमंदों को आर्थिक सहायता मिल सके और हितग्राही एक अच्छाजीवन जी सकें, पर ग्रामीण क्षेत्रों मैं सरकारी योजनाएं को प्राप्त करने के लिए जरूरतमंदों को किस तरह से परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं उसकी एक बानगी आपको यशोदा ग्वाले की दर्द भरी कहानी को पढ़ने के बाद पता चलेगा वहीं आदिवासी बाहुल्य इलाके मैं सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए गरीब असहाय आदिवासियों को दर दर भटकने और मिन्नत करने के बाद भी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पाता है यह भी समझ सकेंगे।

सरकारी योजनाओं का लाभ गांव के अतिम लाभार्थी तक पहुंचाने का दंभ भरने वाले नेताओं, अधिकारियों, कर्मचारियों की बातों को सच मान भी लिया जाए तो यहां पर एक बड़ा सवाल यह खड़ा होता है कि तो फिर क्या कारण हैं की एक दिव्यांग तक को अब तक सरकारी योजना का लाभ नहीं मिल सका ? यह कहानी है विकासखंड मुख्यालय मैनपुर से लगा हुआ ग्राम पंचायत हरदीभाँठा में निवास करने वाली गरीब परिवार से ताल्लुक 35 वर्षी यशोदा ग्वाले की उसकी शादी इसलिए नहीं हो पाई क्योंकि वह मंदबुद्धि कमजोर के साथ ही तालु पर परेशानी के कारण स्पष्ट बातचीत नहीं कर पाती है। बचपन में पिता का साया फिर जवान भैया का देहांत हो जाना कैसे परिवार में बीत रहा होगा समझा जा सकता है। बुढ़िया मां विधवा ,भाभी एवं खुद दिव्यांग यशोदा बड़ी मुश्किलों से घर का गुजारा चला रहे हैं।

भूमिहीन परिवार में जन्मी यशोदा ग्वाले जन्म से ही दिव्यांग है। इनके पिता स्वर्गीय नेमीचंद ग्वाले माता कुंती बाई ग्वाले जिनका मेडिकल सर्टिफिकेट ग्राम पंचायत के जिम्मेदारों को जवाबदेही के साथ बनाया जाना चाहिए लेकिन वर्षों बीत गई अभी तक इस दिशा में कोई पहल नहीं किया गया।

यशोदा के बुढिंया माँ ही सब कुछ है। गरीबी में जीवन यापन करते हुए अपने मां भाभी छोटे-छोटे भतीजे लोगों के साथ में रहकर आर्थिक तंगी से जीवन गुजारने मजबूर हो रहे हैं। उसके बावजूद भी बुढ़िया मां ,,,बेटी और बहू के लिए पति, पिता और भाई के कमान संभाले हुए जीवन के अंतिम पड़ाव में भी परिवारिक जंग लड़ने को मजबूर है।

सरकारी पेंशन नहीं मिलने के कारण बेहद परेशान

ग्राम पंचायत में पेंशन के लिए कई बार आवेदन निवेदन किए जाने के बाद भी अभी तक गरीब दिव्यांग यशोदा को पेंशन नहीं मिल रहा है। कमजोर होने के कारण मजदूरी करने मे भी परेशानी होती है।दिव्यांग यशोदा ग्वाले ने नियमानुसार पेंशन दिलाने के लिए जिले के कलेक्टर एवं एसडीएम मैनपुर तथा मुख्य कार्यपालन अधिकारी से करबद्ध प्रार्थना करते हुए मांग किया है।

इस संबंध में क्या कहते हैं जनप्रतिनिधि/नेता

संयुक्त महामंत्री जिला कांग्रेस कमेटी गरियाबंद एवं जनपद सदस्य क्षेत्र क्रमांक 1 मैनपुर
डाँकेश्वर नेगी- आपके माध्यम से यशोदा के बारे में मुझे जानकारी मिल रही है। पेंशन के लिए आ रही समस्याओं को दूर करते हुए नियमतः पेंशन मिले इस दिशा मे कार्य करूंगा।

भारतीय जनता मजदूर संघ जिला महामंत्री एवं भाजपा युवा मोर्चा मंडल अध्यक्ष महेश कश्यप,,, यशोदा ग्वाले वास्तव में पात्रधारी है। जिनका मेडिकल सर्टिफिकेट नहीं बन पाया है। उन्हें पेंशन मिले इस दिशा में प्रयासरत रहूंगा।

सरपंच ग्राम पंचायत हरदीभाँठा श्रीमति दुलिया बाई ध्रुव
मेडिकल सर्टिफिकेट के आधार पर पेंशन के लिए प्रक्रिया को आगे बढ़ाई जाएगी। फिलहाल मेडिकल सर्टिफिकेट बना है कि नहीं जानकारी में नहीं है।

Exit mobile version