रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के नेता व पूर्व वन मंत्री महेश गागड़ा ने हाथियों के जारी आतंक के बीच एक हाथी की बिजली करंट से हुई मौत को लेकर प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर जमकर निशाना साधा है। श्री गागड़ा ने कहा कि हाथियों के उत्पात से प्रदेश के लोगों को राहत पहुँचाने में प्रदेश सरकार की विफलता के चलते अब लोग अपने स्तर पर जिन उपायों को अमल में लाने को मज़बूर हुए हैं, उनसे हाथियों की जान भी साँसत में है।
पूर्व मंत्री श्री गागड़ा ने कहा कि लेमुरू प्रोजेक्ट पर सियासी दाँव-पेंच में मशगूल सरकार तुग़लक़ी उपायों की लफ़्फ़ाजियों के बजाय अगर ठोस व सुविचारित योजना बनाकर हाथियों के उत्पात को रोकने की ईमानदार कोशिश करती तो धरमजयगढ़ वनमंडल में शनिवार की रात बिजली करंट की चपेट में आकर एक नर हाथी की जान नहीं जाती। धरमजयगढ़ वन परिक्षेत्र के ग्राम पोटिया में एक खेत में हाथी से बचाव के लिए बिजली का तार बिछाए जाने से हुए इस हादसे के लिए प्रदेश सरकार की लुंज-पुंज कार्यप्रणाली और समस्या के सार्थक व ठोस समाधान के प्रति उदासीनता ही ज़िम्मेदार है।
श्री गागड़ा ने कहा कि हाथियों के उत्पात को रोकने और लोगों की सुरक्षा करने में प्रदेश सरकार के नाकारापन का आलम यह है कि तमाम दावों और सनकमिज़ाज़ी से भरे उपायों-प्रयोगों के बावज़ूद हाथियों की आमदरफ़्त लोगों को दहशत के साए में जीने को मज़बूर कर रही है। ताज़ा सूचनाओं के मुताबिक़ जशपुरनगर ज़िले में ओड़िशा और झारखंड से 53 हाथियों का दल लगातार फसल को नुक़सान पहुँचा रहा है, वहीं कटघोरा वन मंडल पसान परिक्षेत्र के ग्राम बनिया में दँतैल हाथी एक ग्रामीण के मकान को तोड़कर वहाँ रखे धान व चावल को खा गया। पसान से लगे केंदई परिक्षेत्र में भी 35 हाथियों का झुण्ड घूम रहा है और ग्रामीण दहशतज़दा हैं।
श्री गागड़ा ने ग्रामीण इलाक़ों में हाथियों के आतंक से लोगों की जान-माल की रक्षा के तत्काल पुख़्ता इंतज़ाम करने पर बल दिया है ताकि दहशतज़दा ग्रामीणों के उपायों से हाथियों की सुरक्षा भी की जा सके। श्री गागड़ा ने कहा कि पहले जहां हाथियों का उपद्रव महासमुंद तक ही था, वहीं अब कांग्रेस सरकार की अकर्मण्यता के कारण चारामा, भानुप्रतापपुर और पखांजूर तक पहुँच गया है.