दूल्हा बनने से पहले शहीद हुए थे कांकेर के गणेश

Chhattisgarh Crimes15 जून यानी आज ही के दिन गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में भारतीय सेना के जवान गणेश राम (28) शहीद हो गए थे। गणेश छत्तीसगढ़ के कांकेर के गिधाली गांव के रहने वाले थे। उसको दूल्हा बनाने के लिए परिवार ने लड़की भी देख रखा था। लेकिन गणेश का शव तिरंगे में लपेटकर घर लाया गया।

गणेश की छोटी बहन गंगा कुंजाम ने मीडिया को बताया था कि, उस समय परिवार ने उसके लिए लड़की देखी थी। गणेश लड़की देखने भी गया था। शादी तय हो चुकी थी। जब वो छुट्टी पर आता तो शादी करने की तैयारी थी। लेकिन ऐसा नहीं हो सका।

दरअसल, यह घटना साल 2020 में हुई, जिसे अब 5 साल बीत चुके हैं। गलवान घाटी में हुई यह झड़प भारत और चीन की सेनाओं के बीच हुई सबसे चर्चित झड़प रही है। इसमें भारतीय सेना के कर्नल संतोष बाबू समेत 20 सैनिक शहीद हुए थे। जिसमें से गणेश राम भी था।

वे लद्दाख में भारत की सीमाओं की रक्षा में तैनात थे। चीनी सैनिक घुसपैठ कर रहे थे। जिन्हें गणेश राम ने रोक लिया। गणेश राम और उनके साथियों ने चीनी सैनिकों की पिटाई की और उन्हें भगा दिया। लेकिन इस हिंसक झड़प में गणेश राम बुरी तरह घायल हो गए और इलाज के दौरान वो शहीद हो गए।

18 साल की उम्र में सेना में हुए थे भर्ती

गणेश राम का जन्म 28 अप्रैल 1993 को हुआ था। उन्होंने अपने गांव के हाई स्कूल से पढ़ाई की। खेलकूद और अन्य गतिविधियों में उनकी गहरी रुचि थी। गणेश को बचपन से फौजी बनना था। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। आखिरकार, उन्होंने अपने सपने को साकार किया और साल 2011 में 18 साल की उम्र में सेना में शामिल हो गए।

उन्हें बिहार रेजिमेंट की 16 बिहार में भर्ती किया गया, जो एक पैदल सेना रेजिमेंट है जो अपने निडर सैनिकों और कई युद्ध कारनामों के लिए जानी जाती है। हिंसक झड़पों से कुछ महीने पहले ही गणेश घर आए थे।

Exit mobile version