मृतक की बहन पुष्पलता ने बताया कि वह 2 दिन से इमरजेंसी वार्ड में था, उसकी स्थिति ठीक थी। उसने कहा कि मेरे भाई को रात भर दस्त हुआ। मेडिकल स्टाफ को जानकारी देने के बावजूद कोई भी नहीं आए। तड़प रहे मेरे भाई को ना कोई चेक करने और आए ना कोई दवाई देने आए।
बताने के बाद भी डॉक्टर देखने नहीं आए – डॉक्टर
मेघनाथ बाघ (35) का भिलाई पावर हाउस के कैंप वन शारदा पारा का रहने वाला था। मृतक की मां ने बताया कि कल रात में ज्यादा बिगड़ने पर मौके पर मौजूद डॉक्टर और मेडिकल स्टाफ को जानकारी दी थी इसके बावजूद किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया और आज सुबह मेघनाथ की मौत हो गई।
अपने भाई का शव लेने पहुंची बहन पुष्पलता ने कहा कि मेरे भाई को सांस लेने में दिक्कत थी। इमरजेंसी वार्ड में रहते तक उसकी स्थिति ठीक थी। लेकिन जैसे ही उसको जनरल वार्ड में शिफ्ट किया गया तो उसकी जान चली गई।
पिता के जाने के बाद अनाथ हुए 2 बच्चे
पुष्पलता ने कहा कि मेरा भाई मरने की स्थिति में नहीं था लेकिन यहां के मेडिकल स्टाफ और डॉक्टर की लापरवाही से तड़प तड़प कर मर गया। मृतक की बहन का कहना था कि भाई के दो बच्चे हैं उसका पालन पोषण अब कौन करेगा।
दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन हेमंत कुमार साहू ने कहा कि उनके पास मृतक के परिजनों की ओर से कोई शिकायत नहीं आई है यदि शिकायत आएगी तो जांच कर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।