ईओडब्ल्यू ने भारतमाला परियोजना में हुए मुआवजा घोटाले की जांच करने तेलीबांधा स्थित दशमेश इंस्टावेंचर प्रालि के दफ्तर में छापे मारे। सील किए गए दफ्तर को खोलने के बाद बुधवार को तलाशी ली। 8 सदस्यीय टीम ने सुबह 11 बजे से लेकर शाम करीब 5 बजे तक तलाशी लेकर प्रॉपर्टी, जमीन और लेनदेन के दस्तावेजों को जांच के लिए जब्त किया। यह दफ्तर पूरे घोटाले के मास्टरमाइंड हरमीत सिंह खनूजा का है। जिसे ईओडब्ल्यू ने दो अन्य लोगों के साथ ही पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है।
करोड़ों का मुआवजा हासिल करने की जानकारी
बताया जाता है कि पूछताछ के दौरान मिले इनपुट के आधार पर सील किए गए दफ्तर की तलाशी ली गई। हरमीत ने जमीन दलाल और मेवा कारोबारी विजय जैन, उमा देवी (फर्जी नाम) और उसके पति केदार तिवारी के साथ मिलकर यह मुआवजा घोटाला किया। इन लोगों के द्वारा जैतू साव मठ की जमीन को भारतमाला प्रोजेक्ट के अधीन कर करोड़ों का मुआवजा हासिल करने की जानकारी भी मिली है।
5 दिन पहले 20 ठिकानों पर छापे
ईओडब्ल्यू ने 5 दिन पहले जमीन दलाल हरमीत सिंह समेत बीस लोगों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इनमें आरआई रौशन वर्मा, और कुछ पटवारी भी शामिल हैं। रौशन वर्मा के भी इस मुआवजा घोटाले से अर्जित कर सड्डू के राजधानी विहार में 45 लाख का एक मकान खरीदने की जानकारी मिली है। वहीं भारतमाला परियोजना में करोड़ों की हेराफेरी करने के लिए रायपुर से चार साल पहले रायपुर कलेक्टोरेट से अभनपुर तबादला कराया था।
इस तरह का घोेटाला
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग अधिग्रहण द्वारा निर्मित भारतमाला परियोजना सडक निर्माण में जिलों में भू-अर्जन संबंधी शिकायत पूजा बघेल सभापति राजस्व स्थाई समिति, कार्यालय जनपद पंचायत अमनपुर जिला, नरेन्द्र कुमार पारख संचालक स्वामी बिल्डवेल प्रालि, कृष्णा कुमार साहू एवं हेमंत देवांगन धमतरी, सत्यनारायण शर्मा (उपाध्यक्ष), महेन्द्र कुमार अग्रवाल (सचिव) ठाकुर रामचन्द्रजी स्वामी जैतुसाव मठ, सार्वजनिक न्यास पुरानी बस्ती रायपुर के द्वारा की गई। शिकायत के संबंध में कलेक्टर, रायपुर द्वारा अपर कलेक्टर रायपुर से जांच कराई, तीन जांच प्रतिवेदन शिकायत अग्रिम कार्यवाही के लिए दिया गया। जिस पर ब्यूरो में अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया है।