पूरन मेश्राम, मैनपुर। प्रदेश के महत्वपूर्ण सुराजी गांव योजना अंतर्गत नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी का संरक्षण एवं संवर्धन किया जा रहा है। गोठान की गतिविधियों को विस्तार करते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर, गौपालन, गौ सुरक्षा तथा पशुपालकों को आर्थिक लाभ प्रदान करने हेतु 20 जुलाई 2020 से गोधन न्याय योजना की शुरूआत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा किया गया है। जिसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में खुले में विचरण करने वाले पशुधन को गोठान में रखने के संबंध में दिशा निर्देश भी जारी किया गया है। छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा बनाए जाने वाली गोठान तो व्यवस्थित है।
लेकिन वर्षों से ग्रामीण समुदाय के द्वारा बनाया गया गोठान जहां पर पूरे गांव के मवेशियों को इकट्ठा करके एक साथ चरवाहा के द्वारा जंगलों में चराई के लिए ले जाते हैं। उन गोठानों की हालत बद से बदतर है। कीचड़ से भरे गंदगी में मवेशियों को रखे जाने से गंभीर बीमारियों का खतरा नजर आता है। ऐसे कीचड़ भरे दलदल नुमा गंदगी में मवेशियों को रखने का सिलसिला बरसों से जारी है। इस पर किसी भी जिम्मेदारों का नजर नहीं पड़ता। ऐसी स्थिति में गोधन कैसे सुरक्षित रह पाएगी। विकासखंड मैनपुर के अंतर्गत ऐसे गोठानों को चिन्हांकित करते हुए उसको व्यवस्थित रखने के लिए शासन प्रशासन को ध्यान देना नितांत आवश्यक है।