रायपुर। अभी तक कोविड-19 का कोई पुख्ता दवा हमें नहीं मिल पाया है। जिसके चलते कई लोग असमय ही काल के गाल में समा गए हैं। अभी तक सिर्फ जिसमें इम्यूनिटी अच्छी है या उनमें इस वायरस का संक्रमण उतना नहीं फैल सका जिससे मरीज की मौत हो सके। ऐसे मरीज संक्रमित होने के बावजूद ठीक होकर अस्पताल से घर लौट लौट आए हैं। दूसरे शब्दों में कहें कि हम युद्ध तो लड़ रहे हैं पर हमारे पास युद्ध से जीतने का हथियार ही नहीं है। हमारे पास जो संसाधन हैं हम उसी से ही इस जंग को लड़ रहे हैं। अभी तक यह सुनिश्चित नहीं हो पाया है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कारगर वैक्सीन कब तक हमारे हाथ में आएगी। ऐसे में खाली हाथ हम कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कैसे रोक पाएंगे यह एक बड़ा सवाल है।
छत्तीसगढ़ के संदर्भ में केंद्र सरकार का अनुमान है कि अगस्त में कोरोना की तादात 63 हजार हो जाएगी। वहीं छत्तीसगढ़ का स्वास्थ्य महकमा यह कह रहा है कि हम अपनी जागरूकता और तैयारियों के दम पर इस संख्या को 23 हजार के पार न जाने देने का पूरा प्रयास करेंगे। यहां हम आपको बता दें कि प्रदेश में पहला संक्रमण का मामला 20 मार्च को सामने आया था जिसमें रायपुर की एक 24 वर्षीय युवती संक्रमित पाई गई थी। पिछले 5 माह में प्रदेश में आंकड़ा 14559 तक पहुंच गया है। वर्तमान में 4572 एक्टिव मरीज हैं और स्वस्थ होने वाले मरीजों की संख्या 9857 बताई जा रही है। अभी तक प्रदेश में 130 लोगों की मौत हो गई है और सर्वाधिक मौत राजधानी रायपुर में 68 हुई है।
यहां पर यह सवाल है कि हम लोगों में जागरुकता और तैयारियों के हथियार से क्या हम कोरोना के फैलते संक्रमण को रोक पाएंगे यह एक यक्ष प्रश्न है? अगर हम जागरूकता की बात करें तो हम शुरूआत से ही लोगों को जागरुक कर रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क पहने, बार-बार हाथ धोते रहें, संक्रमित व्यक्ति के संक्रमण में आने पर खुद सामने आकर टेस्ट करवाएं। इतना लोगों को जागरूक करने के बाद भी नतीजा क्या है आज हम साढेÞ 14 हजार पहुंच गए हैं।
अब बाजार खुल चुके हैं और आमनागरिक घरों से निकलकर बाहर खरीददारी और घूमने-फिरने निकल रहे हैं। ऐसे में सबसे अधिक सतर्कता बरतने की जरुरत है। स्वयं सेवी संस्थाएं, राज्य सरकार लगातार कोरोना गाइडलाईन के पालन करने कह रही है और आम नागरिकों को गाइडलाइन का पालन करते हुए ही अपने काम करना चाहिए। तभी हम कोरोना को हरा पाएंगे। हमें भी सरकार के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए अपनी जरुरतों को पूरा करते हुए कोरोना को हराना होगा। अगर हम अब भी अपनी हठधर्मिता, लापरवाही नहीं छोड़ें तो खाली हाथ कोरोना से जंग जीतना नामुमकीन होगा।