बिलासपुर । जाति को लेकर उठे बवाल के बाद मरवाही उपचुनाव से खदेड़ा गया जोगी परिवार ऋचा जोगी की जाति की वैधता को लेकर हाईकोर्ट की शरण मे पहुँचा है । छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की जाति मामले पर हाईकोर्ट में सोमवार को होने वाली सुनवाई एक सप्ताह आगे बढ़ गई है। ऋचा के अधिवक्ता गैरी मुखोपाध्याय ने दिल्ली के वरिष्ठ अधिवक्ता के द्वारा उक्त सुनवाई में पैरवी करने की जानकारी देते हुुुए एक सप्ताह का समय मांगा, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। इससे पहले सोमवार से लगातार सुनवाई होनी थी।
गौरतलब है कि आदिवासी सीट मरवाही से 4 चुनाव रिकार्ड मत से जीतकर प्रदेश में अपने जनाधार का लोहा मनवाने वाला जोगी परिवार को कोर्ट ने आदिवासी नही माना है उनके द्वारा प्रस्तुत आदिवासी जाति प्रमाण पत्र खारिज कर दिए गए है आदिवासी सीट से अपनी जीत सुनिश्चित करने वाला जोगी परिवार अब हाईकोर्ट में स्वयं को आदिवासी साबित करने फिर से जद्दोजहद करेगा।
बहरहाल मरवाही उपचुनाव में नामांकन खारिज किए जाने की लड़ाई अब कोर्ट तक पहुंच चुकी है। ऋचा जोगी ने याचिका दायर कर छत्तीसगढ़ राज्य अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग नियम 2013 में सितंबर-अक्टूबर 2020 में हुए अनु संशोधन और जिला समिति के नोटिस को चुनौती दी है। जोगी कांग्रेस अध्यक्ष अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी की याचिका में बताया गया है कि साल 1950 के पहले से उनके पूर्वज मुंगेली के पास ग्राम पेंड्री में निवास करते आए हैं। दस्तावेजों में उनकी गोंड जाति दर्ज है। मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच में होगी। ऋचा जोगी ने कांग्रेस पर विद्वेष की भावना का आरोप लगाया है ।