कबीरधाम. एक सरकारी स्कूल में जांच के लिए पंहुचे शिक्षा विभाग के अधिकारी के सामने एक बच्ची पहली कक्षा हिंदी पाठ को पढ़ नहीं पाई, उसे दो का पहाड़ा पढ़ने कहा गया, तो वह भी बच्ची से पढ़ा नहीं गया। शिक्षा अधिकारी ने इस मामले को लेकर भारी नाराजगी के साथ सहायक शिक्षक को सजा दे डाली। लेकिन पढ़ने पढ़ाने की बदहाली यहीं खत्म नहीं हुई। मामले में जिला शिक्षा अधिकारी ने शिक्षक के खिलाफ कार्यवाही का जो आदेश निकाला, उसमें भी एक नहीं, हिंदी की कई गलतियां हैं। यह पूरा मामला सोशल मीडिया पर वायरल होने के साथ ही शिक्षा विभाग की जमकर किरकिरी भी हो रही है।
शिक्षक पर गिरी गाज
जिला शिक्षा अधिकारी के सामने हुई इस घटना की गाज शिक्षक पर गिरी। जिला शिक्षा अधिकारी ने इस मामले में माना कि शिक्षक रेखलाल साहू ने शिक्षा की गुणवत्ता एवं पठन कौशल को विकसित करने के लिए प्रयास नहीं किया। इसे शिक्षकीय कार्य के प्रति उदासीनता माना गया। यही नहीं, शिक्षक ने इसे लेकर जो जवाब दिया उसे भी संतोषप्रद न मानते हुए एक वेतन वृद्धि असंचयी प्रभाव से रोकने का आदेश खुद जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय के हस्ताक्षर से जारी किया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारी श्री पांडेय द्वारा 5 अगस्त को जारी आदेश में दो स्थानों पर असमर्थता शब्द का उल्लेख है। दोनों जगहों पर इस शब्द को गलत लिखा गया है। यही नहीं एक स्थान पर लाइन भी गलत लिखा है। लाइन की जगह लाईन लिखा है। इसके साथ ही आदेश में कक्षा 4 थी, कक्षा 4 थी दो बार लिखा गया है। बोलचाल में भले ही सही माना जाता है, लेकिन आदेश में इस तरह की भाषा उचित प्रतीत नहीं होती है। इसके स्थान पर चौंथी लिखा जाना सही होता।
ये है मामला
कबीरधाम जिले के जिला शिक्षा अधिकारी राकेश पांडेय 31 जुलाई को लोहारा के शासकीय प्राथमिक शाला रक्से में जांच करने गए थे। इस दौरान उन्होंने कक्षा चौंथी की एक छात्रा को कक्षा चौंथी के पाठ एक की पहली लाइन (प्रथम वाक्य) पढ़ने कहा। बच्ची ने पूरी तरह असमर्थता जाहिर की। इसके बाद उसी बच्ची से पहली कक्षा के हिंदी के पाठ को पढ़ने कहा गया, बच्ची वह भी नहीं पढ़ पाई। यही नहीं, बच्ची से दो का पहाड़ा पढ़ने कहा गया तो उसने इनकार करते हुए कहा मुझे नहीं आता।
जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय से जिस पत्र में त्रुटि बताई जा रही है। वह लिपिकीय त्रुटि है। फिर भी विभाग के जिस बाबू ने लेटर को टाइप किया है उसे नोटिस जारी किया गया है। मैं जिले की शिक्षा व्यवस्था में कसावट लाने के लिए कार्य कर रहा हूं और करता रहूंगा, अगर इससे किसी को आपत्ति है तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।
-राकेश पाण्डेय, जिला शिक्षाधिकारी कबीरधाम