रायपुर। छत्तीसगढ के कवर्धा जिले में भोरमदेव के पास स्थित लग्जरी रिसोर्ट में आईपीएस अधिकारियों और रायपुर के एक रसूखदार बिजनेसमैन के बीच हुआ विवाद और झूमाझटकी का मामला अब गरमाने लगा है। गृह मंत्री का जिला होने की वजह से पुलिस मुख्यालय ने राजनांदगांव पुलिस रेंज के आईजी दीपक झा से जांच कर इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट तलब की है।
पुलिस मुख्यालय के सीनियर आईपीएस ने बताया कि गृह मंत्री का जिला होने के साथ ही मामला आईपीएस अधिकारियों से जुड़ा है, इसलिए वास्तविकता को सामने लाने जांच जरूरी था। पीएचक्यू के अफसरों ने है कि ऐसी घटनाओं से पुलिस की छबि पर प्रभाव पड़़ता है।
बताते हैं, पुलिस मुख्यालय का संदेश मिलने के बाद राजनांदगांव के आईजी दीपक झा ने रिसोर्ट हंगामे की जांच प्रारंभ कर दी है। पुलिस मुख्यालय ने उनसे रिपोर्ट मांगी है कि क्या दोनों पक्ष़्ा शराब के नशे में थे? आईपीएस और कारोबारी में विवाद किस बात को लेकर हुई? और अगर इस तरह की घटना हुई तो एफआईआर दर्ज क्यों नहीं कराया गया? आरोपी पक्ष के खिलाफ बिना कोई कार्रवाई किए थाने से क्यों छोड़ दिया गया? कवर्धा एसपी की वहां उपस्थिति क्यों और कैसे थी?
पता चला है, आईजी की जांच में कई चौंकाने वाली जानकारियां मिली है। जल्द ही वे पुलिस मुख्यालय को अपनी रिपोर्ट भेज देंगे। इसके बाद पीएचक्यू तय करेगा कि इस मामले में क्या कार्रवाई की जाए।
जाहिर है, कवर्धा गृह मंत्री विजय शर्मा का गृह जिला है। यही वजह है कि पुलिस महकमा ने भी इसे गंभीरतापूर्वक लिया है। क्योंकि गृह मंत्री के जिला में अगर आईपीएस अधिकारियों की शराब के नशे में कारोबारी से विवाद की बात बाहर आती है तो स्वच्छ पोलिसिंग और सुशासन के लिए ये ठीक नहीं है।
बता दें, 14 जनवरी की रात भोरमदेव के एक रिसोर्ट में रायपुर के एक प्रभावशाली बिजनेसमैन का बेटा अपने परिवार के साथ पहुंचा था। वहां पार्टी मनाने कुछ आईपीएस भी पहुंचे थे। इनमें दो आईजी के भी मौजूद रहने की बातें आ रही हैं। विवाद के बीच रिसोर्ट और थाने के सीसीटीवी में में पुलिस अधीक्षक की मौजूदगी भी दर्ज हुई है।
विवाद गजल गाने की फारमाइश को लेकर हुई। रिसोर्ट वाले ने वीवीआईपी मेहमानों के सम्मान में गजल का आयोजन किया था। इसमें दो तरह की बातें आ रही है। पहला यह कि कारोबारी परिवार का गजल गायक से विवाद हो गया। इसमें बगल में हंगामा हुआ तो आईपीएस अधिकारी बीच में कूद पड़े और झूमाझटकी हो गई। सभी पक्ष शराब के नशे में बेसुध थे। दूसरी बात आईपीएस और कारोबारी के बीच गजल की फारमाइश को लेकर हंगामा भी बताया जा रहा है।
कुल मिलाकर आईपीएस और बिजनेसमैन के बीच बवाल हुआ। इसके बाद कवर्धा की पुलिस रिसोर्ट पहुंच गई। कारोबारी को पकड़कर आधी रात का भोरमदेव थाना ले जाया गया। उनके साथ एसपी भी थे। थाने में ताला लटक रहा था। इस पर फोन कर थानेदार को बुलाया गया। थाने में ताला बंद होने पर एक मुंशी को सस्पेंड किया गया। देर रात सत्ताधारी पार्टी के एक प्रभावशाली सांसद का फोन आने पर बिना मुकदमा दर्ज किए कारोबारी के परिवार को छोड़ दिया गया।
भले ही पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की। इस बात पर दोनों पक्षों में समझौता हो गया कि बात बाहर नहीं जानी चाहिए। न पुलिस वाले इस मामले में कुछ करेंगे और न कारोबारी कोई कार्रवाई चाहेगा। मगर इससे पुलिस की छबि को बहुत नुकसन पहुंचा। तभी पुलिस मुख्यालय ने जांच का आदेश देने में देर नहीं लगाई।