नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने खलासी के पद (टेलीफोन अटेंडेंट-कम-डाक खलासी यानी टीएडीके) को खत्म करने ऐलान किया है. रेलवे बोर्ड ने भर्ती पर रोक का आदेश 6 अगस्त को जारी कर दिया.
इस आदेश में रेलवे ने कहा कि खलासी के पद पर भर्ती अंग्रेजों के समय से हो रही है. खलासी का काम अंग्रेजों के शासन काल में रेलवे के अधिकारियों के आवासों में तैनात चपरासियों की तरह होती थी.
जारी आदेश के मुताबिक, खलासी के पदों की समीक्षा की जा रही है और फैसला लिया गया है कि अब इन पदों पर कोई भर्ती नहीं की जाएगी. इसके अलावा 1 जुलाई 2020 से इन पदों पर की गई नियुक्तियों की भी समीक्षा की जाएगी. खलासी को भर्ती के तीन साल तक करीब 15 हजार रुपए मिलते हैं. तीन साल बाद इन्हें स्थायी कर दिया जाता है. स्थायी होने के बाद वेतन 20 हजार रुपए और दूसरे फायदे भी मिलते हैं.