जम्मू-कश्मीर में फंसे पर्यटकों की बढ़ी मुसीबतें

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पर्यटकों की मुसीबतें बढ़ गई है। श्रीनगर में छत्तीसगढ़ समेत देश भर के हजारों पर्यटक फंसे हैं, जिन्हें सुरक्षित घर पहुंचने की चिंता है। कर्फ्यू के चलते पर्यटक होटल में कैद हैं। एयरलाइन कंपनी ने आपदा को अवसर बना लिया है, जहां उन्हें लौटने के लिए 26 अप्रैल तक फ्लाइट नहीं मिल रही हैं। बुकिंग कराने पर उन्हें 4 गुना ज्यादा कीमत चुकानी पड़ रही है।

इस हमले के बाद श्रीनगर पहुंचे पर्यटक भी सहमे हुए हैं। दहशत इतनी है कि बाहरी लोगों को होटल से बाहर निकलने के लिए मना कर दिया गया है। श्रीनगर में मुरारी बापू की कथा सुनने के लिए बिलासपुर से पहुंचे श्रद्धालु जमुनादास कक्कड़ ने दैनिक भास्कर से वहां के हालात की जानकारी दी। इस रिपोर्ट में जानिए श्रीनगर में फंसे सैलानियों और श्रद्धालुओं की स्थिति।

श्रीनगर में मुरारी बापू की कथा में गए थे

शहर के टिकरापारा निवासी जमुनादास कक्कड़, उनकी पत्नी पुष्पांजलि कक्कड़ और गोंड़पारा निवासी साधना मिश्रा शामिल हैं। उनके साथ बागबहरा से रूपेश तिवारी और मंजू तिवारी भी होटल में कैद हैं। जमुनादास ने बताया कि श्रीनगर में मुरारी बापू की नौ दिवसीय कथा 19 अप्रैल से शुरू हुई।

इसमें शामिल होने वे अपनी पत्नी के साथ 18 अप्रैल को श्रीनगर पहुंचे थे और 28 अप्रैल को वापसी थी। लेकिन, पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद कथा को विराम दे दिया गया है।

7000 से पर्यटक फंसे, लैंड स्लाइड से बढ़ी मुसीबत

आतंकी हमले के बाद श्रीनगर के होटलों में रुके करीब 7000 लोगों को बाहर निकलने से मना कर दिया गया है। डरे सहमे पर्यटक अब किसी तरह सुरक्षित घर जाने की चिंता में हैं। लेकिन, जम्मू से श्रीनगर के बीच हुई लैंड स्लाइड ने उनकी परेशानी और बढ़ा दी है। ज्यादातर लोग अब फ्लाइट की टिकट करा रहे हैं। बिलासपुर और बागबहरा से पहुंचे लोगों ने भी आनन-फानन में 26 अप्रैल की टिकट बुक करा ली है।

प्रशासन के साथ स्थानीय लोग कर रहे सहयोग

जमुनादास ने बताया कि घटना के बाद से प्रशासन सक्रिय है। वे पर्यटकों का पूरा सहयोग कर रहे हैं। स्थानीय लोग भी पर्यटकों की मदद कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि मंगलवार की रात से अब तक होटल संचालकों ने चाय, नाश्ता और भोजन कराया, लेकिन उसके पैसे नहीं लिए हैं।

एयरलाइन कंपनी ने आपदा को बनाया अवसर

आतंकी हमले के बाद एक तरफ प्रशासन और स्थानीय लोग पर्यटकों की मदद कर रहे हैं। इन हालात के बीच किसी तरह जम्मू-कश्मीर से बाहर निकलना चाह रहे हैं। ऐसे में लैंड स्लाइड होने के कारण उन्हें रोक दिया गया है। वहीं, एयरलाइन कंपनी ने आपदा को अवसर बना लिया है। फ्लाइट लिमिट है, जिसके चलते सभी फ्लाइट की सीट फुल हो गई हैं, जिस फ्लाइट में सीट खाली है, उसकी कीमत भी दो से चार गुना तक बढ़ा दी गई है। ऐसे में पर्यटकों की परेशानियां बढ़ गई है।

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने नहीं की पहल

जमुनादास ने बताया कि राज्य शासन और बिलासपुर कलेक्टर तरफ से पर्यटकों को लेकर किसी तरह से कोई बात नहीं की गई है। कुछ पर्यटकों के पास फोन जरूर आया था। लेकिन, बिलासपुर जिला प्रशासन ने अब तक कोई पहल नहीं की है और न ही उनका हाल जानने का प्रयास किया है।

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