जनता कांग्रेस विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी ने किया निष्कासित

Chhattisgarh Crimes

रायपुर. जनता कांग्रेस विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ से निष्कासित कर दिया गया है. जेसीसीजे कोर कमेटी ने 6 साल के लिए पार्टी से निष्कासित करने का बड़ा निर्णय लिया है. इतना ही नहीं विधायक धर्मजीत सिंह के ऊपर पार्टी के सिद्धांतों के विरुद्ध काम किए जाने के भी आरोप लगे हैं. जिनके निष्कासन की जानकारी पार्टी सुप्रीमो रेणु जोगी ने विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरण दास महंत को दी है.

जेसीसीजे के द्वारा यह कहा गया कि, विधायक धर्मजीत सिंह को पार्टी संस्थापक स्व. अजीत जोगी ने बहुत ही विश्वास के साथ पार्टी विधायक दल का नेता बनाया था. लेकिन लगभग एक वर्ष से जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के कार्यकर्ताओं ने पार्टी नेतृत्व से शिकायत कर रहे थे कि, विधायक धरमजीत सिंह अनुसूचित जाति, जनजाति, गरीब पिछड़ा वर्ग से संबंधित पार्टी के स्थानीय कार्यकर्ताओं और लोगों को दरकिनार कर लगातार उनकी उपेक्षा कर रहे हैं. एक वर्ग विशेष के लोगों को ही महत्व दे रहे हैं. विधायक धर्मजीत सिंह लगातार अन्य दल के संपर्क में रहकर अपने निजी स्वार्थ का ताना बाना बुनने में लगे रहे है. इन शिकायतों के बाद कई बार विधायक धर्मजीत सिंह के साथ चर्चा भी की गई, लेकिन उनके आचरण और विचार में कोई बदलाव नहीं आया.

छत्तीसगढ़ की जनता यह भलीभांति जानती है कि, विधायक धर्मजीत सिंह को 2018 के चुनावों में जीत स्व. अजीत जोगी के नाम और काम की बदौलत प्राप्त हुई थी और उन्होंने स्व अजीत जोगी जी के ‘समाजिक न्याय’ और ‘छत्तीसगढ़ प्रथम’ के सिद्धांतों के विपरीत काम किया है. यह भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय षड़यंत्र का परिणाम है, जिसके अंतर्गत देश के सभी क्षेत्रीय दलों को एक-एक कर नष्ट करने की योजना पर काम किया जा रहा है.

जिस पार्टी के चिन्ह पर चुनाव जीते और विधायक बने, उसी पार्टी की नीतियों को त्यागने तथा छत्तीसगढ़वाद की क्षेत्रीय विचारधारा को मिटाने का प्रयास करने के कारणवश, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) लोरमी विधायक ठाकुर धरमजीत सिंह को 6 वर्षों के लिए पार्टी से निष्कासित किया गया. विधायक धरमजीत सिंह के पार्टी से निष्कासन की सूचना विधानसभा अध्यक्ष को सूचना दे दी गई है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) विधायक धर्मजीत सिंह को निष्कासित करने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित करते हुए इस विषय में अंतिम निर्णय लेने के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी पर छोड़ा गया है.

 

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