जशपुर में सरकारी स्कूल के स्टूडेंट सीख रहे नैनो सैटेलाइट बनाना

Chhattisgarh Crimesजशपुर में सरकारी स्कूल के स्टूडेंट सीख रहे नैनो सैटेलाइट बना

जशपुर जिले के आदिवासी बच्चे रॉकेट और नैनो सैटेलाइट बनाना सीख रहे हैं। जिला कलेक्टर की पहल से यहां सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले 8-9वीं कक्षा के बच्चों को यह सिखाया जा रहा है कि विज्ञान में भी अच्छा करियर होता है।कलेक्टर रोहित व्यास जो 4 माह पहले ही जिले की कमान संभाले है, जब वे सरकारी स्कूलों में गए तो बच्चों से रॉकेट के बारे में पूछा। बच्चे आधी-अधूरी ही जानकारी दे पाए, लेकिन जब उनसे यह पूछा गया कि रॉकेट बनाना सीखोगे तो सभी ने एक स्वर में कहा-हां।रॉकेट बनाने 100 बच्चों को दी गई ट्रेनिंग

 

रॉकेट सिखाने के लिए 8 ब्लॉक में 100 बच्चों को 12 फरवरी को ट्रेनिंग दी गई। इसमें सरकारी स्कूल के उन बच्चों को सलेक्ट किया गया, जिन्हें विज्ञान में रुचि है। इसमें 10-10 बच्चों के 10 बैच बने। इन्हें स्कूल टाइम के अलावा 8 घंटे की रॉकेटरी वर्कशॉप अलग से दी गई।

 

सभी बच्चों ने मिलकर रॉकेट बनाया

 

हर बैच ने मिलकर 30 सेकेंड हवा में 100 फीट तक उड़ने वाला एक रॉकेट बनाया और इसे लॉन्च भी किया। अंत में इन सभी बच्चों ने ग्राम चिड़िया के संगम स्थल पर मिलकर 10 फीट का एक बड़ा रॉकेट बनाया और इसकी सफल लॉन्चिंग भी की।ISRO के साइंटिस्ट डॉ. श्रीनिवास पहुंचे जशपुर

 

कलेक्टर रोहित व्यास ने बताया कि उन्होंने जिले में अन्वेषण नवाचार नाम से एक कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें अंतरिक्ष ज्ञान अभियान की शुरुआत की गई। सरकारी स्कूल के बच्चों को अंतरिक्ष की जानकारी देने के लिए इसरो से साइंटिस्ट डॉ. श्रीनिवास को बुलवाया गया था।

 

सैटेलाइट कम्युनिकेशन के बारे में बच्चों को बताया गया। इसके अलावा स्टार गैजिंग वर्कशॉप का आयोजन भी समय-समय पर होता है। इसमें टेलीस्कोप से बच्चों को तारों के बारे में बताते हैं।

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