बिलासपुर । रिटायर्ड पुलिसकर्मियों को टारगेट कर उनके खातों से रकम उड़ाने वाले झारखण्ड के टेलीफ्रॉड गिरोह को पकड़ने में बिलासपुर पुलिस ने सफलता प्राप्त की है। कोतवाली थाना में वर्षो रहे सेवानिवृत्त एसआई पीएन गुप्ता के बैंक खाते से टेली फ्रॉड के जरिए 9 लाख रुपए पार होने के बाद हरकत में आई सायबर सेल व कोतवाली थाना की 9 सदस्यीय टीम ने 9 दिन की कड़ी मेहनत के बाद झारखण्ड में 3 आरोपियों को धरदबोचा आरोपियों के कब्जे से साढ़े सात लाख रुपए पुलिस ने जब्त किए है। 2 अन्य आरोपी फरार है झारखण्ड में 9 दिन रुककर आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को एसपी ने नगद इनाम सहित प्रशस्ति पत्र दिए जाने की घोषणा की है ।
सायबर एक्सपर्ट कोतवाली टीआई कलीम खान की बिलासपुर पदस्थापना के बाद सायबर अपराध मामलों के निराकरण में बिलासपुर पुलिस की धार बढ़ी है। बिलासागुड़ी में आयोजित पत्रकारवार्ता में पुलिस अधीक्षक प्रशान्त अग्रवाल ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि देशभर में टेली फ्रॉड की घटना को अंजाम देने वाले झारखण्ड के गिरोह ने प्रदेश में 5 टेली फ्रॉड की घटना को अंजाम दिया है। पकड़े गए आरोपियों ने बीते जुलाई माह में गंगानगर फेस 2 में रहने वाले सेवानिवृत्त सहायक उप निरीक्षक 63 वर्षीय पदुम नाथ गुप्ता को अपना शिकार बनाकर उनके बैंक खाते से 9 लाख रुपए उड़ाए थे।
प्रार्थी के मोबाईल में बीते 15 जुलाई को एक अनजाने नंबर से फोन आया था। फोन करने वाले ने खुद को छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय के पेंशन शाखा के हेड क्वार्टर का अधिकारी बताते हुए उनसे पेंशन संबंधी जानकारी को अपडेट करने के नाम पर उनके बैंक खाते और एटीएम कार्ड संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी ले ली थी इसके बाद 18 और 19 जुलाई के बीच पदुम नाथ के बैंक खाते से 2995 और परिवार के सदस्यों से के नाम किए गए फिक्स डिपॉजिट से अलग-अलग 270000, 270000 और तीन लाख7000, इस तरह कुल मिलाकर 9,02995 निकाल लिए गए । मोबाईल में रकम निकासी का मैसेज आने के बाद प्रार्थी को ठगे जाने का एहसास हुआ तत्पश्चात उन्होंने साइबर सेल बिलासपुर को घटना की जानकारी दी ।
रिटायर्ड एएसआई के बैंक खाते से रकम उड़ाने वाले आरोपियों को पकड़ने बनाई गई टीम के चीफ टीआई कलीम खान द्वारा प्रार्थी के पास आए मोबाईल नम्बर को खंगालने पर झारखंड के दुमका जिले के सरैया हाट थाना क्षेत्र का निकला । साइबर ठगों के लिए कुख्यात हो चुके झारखंड कनेक्शन की जानकारी होने के साथ ही पुलिस को यह भी पता चला की रिटायर्ड कर्मचारी के अलावा परिवार के अलग-अलग सदस्यों के नाम किए गए फिक्स्ड डिपॉजिट से भी इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से करीब 9 लाख रुपये अलग-अलग राज्यों के कुल 6 खातों में ट्रांसफर कर उस रकम को एटीएम के माध्यम से निकाल लिया गया था। इसके विपरीत प्रार्थी पदुमनाथ ने कभी भी इंटरनेट बैंकिंग का उपयोग नहीं किया था और ना ही इंटरनेट बैंकिंग संबंधी यूजर आईडी एवं पासवर्ड बनाया था। वही इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से ठग ने अलग-अलग खाता नंबर पर इस रकम को ट्रांसफर भी कर दिया और एटीएम कार्ड के माध्यम से देवघर सरैयाहाट गोडडा के एटीएम बूथ से यह रकम भी निकाल ली। झारखंड के एटीएम बूथ से रकम निकालने के दौरान शातिर अपराधियों ने मुंह पर कपड़ा बांध रखा था, जिससे उनकी पहचान भी नहीं हो पायी। हालांकि 20 जुलाई को ही मोबाइल पर आये मैसेज से रिटायर्ड कर्मी को एहसास हो गया था कि वे ठगे गए हैं
एसपी ने बताया कि मुख्य सरगना संजय मंडल, मुकेश मंडल, एवं सुग्न मंडल द्वारा अपने अन्य सहयोगी साथियों के साथ मिलकर देश भर के कई राज्यों के सेवानिवृत्त अधिकारियो जिसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा के सेवानिवृत अधिकारियों से लेकर चतुर्थ वर्ग कर्मचारियों से ठगी किया जाना सम्भावित है 2 फरार आरोपियों के संबंध में भी बिलासपुर पुलिस को महत्त्वपूर्ण सूराग मिले हैं जिन्हे शीघ्र ही गिरफ्त में लेकर अन्य मामलों के भी खुलासा हो सकने की संभावना है।
एसपी ने दिया 10 हजार नगद इनाम व प्रशस्ति पत्र
9 दिन झारखण्ड में अनेको चुनौतियों से जूझकर मामले को सुलझाते हुए आरोपियों से साढ़े सात लाख रुपए जब्त करने वाले थाना प्रभारी निरीक्षक कलीग खान, सायबर सेल प्रभारी उप निरीक्षक प्रमाकर तिवारी उप निरी मनोज नायक, सहा उप निरी , हेमंत आदित्य, आरक्षक सरफराज ,नवीन एक्का, तथा थाना कोतवाली के प्रधान आरक्षक गजेन्द्र शर्मा, एवं रक्षित केन्द्र बिलासपुर के आरक्षक दीपक उपाध्याय, संतोष यादव को एसपी प्रशान्त अग्रवाल द्वारा 10 हजार नगद इनाम देते हुए उन्हें प्रशस्ति पत्र देने की घोषणा की गई ।