जिला अस्पताल में अचानक शनिवार देर रात करीब 3 बजे उस वक्त अफरा-तफरी मच गई जब अस्पताल के रेकॉर्ड रूम में आग लग गई। हर रोज की तरह रात में मरीज व परिजन आराम कर रहे थे। इसी दौरान ऊपर के वार्ड धुआं-धुआं हो गया। एक मरीज के परिजन आकर देखा तो सिविल सर्जन के पास चेम्बर के आगे कक्ष 4 में आग लगी हुई थी।
आखिर कैसे लगी आग
आखिर जिला अस्पताल के रिकार्ड रूम में ही आग क्यों लगी। बाकी जगह आग की लपटें पहुंची भी नहीं है। बताया जा रहा है कि शार्ट सर्किट से आग नहीं लगी है। आग लगने में अस्पताल प्रबंधक की भूमिका संदिग्ध लग रहा है। क्योंकि जिला अस्पताल में जेडीएस भर्ती व अस्पताल प्रबंधक पर फर्जीवाड़े की कई शिकायतें हुई है। इसे मिटाने के लिए आग लगाने की चर्चाएं हो रही है।
सुरक्षा एक्सपायर अग्निशमन यंत्र के भरोसे
जिला अस्पताल में भीषण आग लग गई। जिला अस्पताल में पखवाड़े भर पहले ही अस्पताल स्टाफ व अन्य को अग्निशमन यंत्र से आग पर काबू पाने प्रशिक्षण दिया गया था। लेकिन अग्निशमन यंत्र की जगह आग पर काबू दमकल से पाया गया। पत्रिका की टीम ने पड़ताल में पाया कि जिला अस्पताल में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर हो चुकी है। आग लगने की आकस्मिक घटना में यह काबू नहीं कर सका। क्योंकि यह यंत्र मार्च 2025 में एक्सपायर हो चुका है।