राजधानी के कौशल्या विहार जैसे आवासीय परिसर डूंडा से लगी 25 एकड़ आबादी और सरकारी जमीन पर पिछले दो साल से अवैध रूप से प्लाट बेचने और उसमें निर्माण कराने का खेल जारी रहा। इस तरह सैकड़ों मकान बनकर तैयार हो गए। परंतु इस दौरान न तो खरीद-बिक्री पर रोक लगाई गई न ही निर्माण रोका गया। प्रशासन में बैठे अफसरों की अचानक शनिवार को नींद टूटी और 40 मकानों को बुलडोजर से धराशायी कर दिया। इसके साथ ही बड़ा सवाल उठ रहा है कि ये सरकारी जमीन वालों पर क्या कार्रवाई होगी ?
कौशल्या माता विहार योजना के सेक्टर 11-ए के ये क्षेत्र नगर निगम के जोन 10 में आता है। अफसरों के अनुसार मास्टर प्लान में ये जगह सिटी पार्क और 18 मीटर चौड़ी सड़क पर अवैध कब्जा किया गया था। प्राधिकरण प्रशासन द्वारा अवैध कब्जाधारियों को कई बार नोटिस दिया गया था। उन्हें स्वयं हटने को कहा था। कौशल्या माता विहार योजना के अंतर्गत ग्राम डूंडा के खसरा नंबर 252 की भूमि जिसका कुल क्षेत्रफल है 25 एकड़ है, उसे टुकड़ों में बेचने वाले सक्रिय थे और लोग खरीद कर मकान मना रहे थे। ऐसे 40 मकानों को तोड़ा गया, जिसमें से सिर्फ 4 से 5 लोगों को पीएम आवास के लिए चिह्नित किया गया।