raipur: शास्त्री बाजार और मालवीय रोड से लगे गणेशराम नगर में शहर का सबसे बड़ा थोक जूते-चप्पल का कारोबार है। यहां से 140 से ज्यादा दुकानें केवल जूते-चप्पल की ही हैं। इस वजह से सुबह से रात तक यहां मालवाहक वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। इसके अलावा कई थोक सब्जी और फल वाले भी यहीं से कारोबार कर रहे हैं। इस इलाके की तंग गलियों में लगातार गाड़ियों की आवाजाही से किसी भी समय जाम लगता है।
इसका असर एक और शास्त्री बाजार और दूसरी ओर से मालवीय रोड पर पड़ता है। दोनों ओर की बायपास सड़कों से जैसे ही कोई मालवाहक गुजरता है वहां जाम लग जाता है। लोगों को गाड़ी हटने तक वहीं खड़े होकर इंतजार करना पड़ता है। कई बार तो गाड़ी के खाली होते तक भी लोग बायपास सड़क पर खड़े रहते हैं।
शास्त्री बाजार और मालवीय रोड को आपस में जोड़ने वाली इस बायपास सड़क में सुबह 4 बजे से रात 9 बजे तक भीड़ लगती है। क्योंकि फल और सब्जी के थोक कारोबारियों की गाड़ियां सुबह से ही यह लग जाती हैं। करीब एक दशक से इस बायपास सड़क का न तो चौड़ीकरण हो पाया है और न ही इसका कोई ठोस समाधान निकला है। डूमरतराई थोक बाजार बसने के बाद इस शू बाजार को वहां शिफ्ट करना था।
बताया जा रहा है कि गणेशराम नगर के सभी कारोबारियों को डूमरतराई में दुकानों का आवंटन किया गया है। लेकिन किसी भी कारोबारी ने गणेशराम नगर में दुकान बंद नहीं की। वे डूमरतराई और यहां से एक साथ कारोबार कर रहे हैं। ज्यादातर कारोबारियों ने डूमरतराई में मिली दुकानों को गोदाम बना दिया है। इस वजह से कारोबार अभी भी गणेशराम नगर से ही हो रहा है।
कई बार शिकायत, लेकिन एक बार भी सख्ती नहीं
गणेशराम नगर में जाम और खुलेआम लोडिंग-अनलोडिंग की शिकायत कई बार निगम और ट्रैफिक विभाग के अफसरों से भी हो चुकी है। खासतौर शास्त्रीबाजार, बांसटाल और मालवीय रोड में रहने वाले लोगों और कारोबार करने वाले कारोबारियों ने इसका स्थायी समाधान निकालने की मांग की थी। यही वजह है कि इस बाजार के सभी कारोबारियों को डूमरतराई में दुकानों का आवंटन किया गया था।
लेकिन बाजार शिफ्ट नहीं होने की वजह से यहां कारोबार खत्म ही नहीं हुआ। यहां के कारोबारियों का कहना है कि वे थोक में कारोबार करते हैं। इसलिए लोगों का ज्यादा आना-जाना नहीं होता है। ऐसे में यह बार-बार जाम की स्थिति नहीं लग रही है। लेकिन हकीकत में यह किसी भी समय मालवाहक गाड़ियों की वजह से जाम लग रहा है।