कौन है छत्तीसगढ़ का सेतबाई मनहर
श्रीराम भक्तों में से एक ऐसी भक्त है जिसे देखकर आप यकीन नहीं करेंगे कि आखिर कोई कैसे श्रीराम भक्ति में लीन है जो अपने पूरे शरीर मे राम.राम नाम की गुदना गुदवा कर राम भक्ति की आस्था में लीन है। आपको बता दें, कलयुग की यह भगवान राम भक्त जिनका नाम रामनामी सेतबाई मनहर है जो मूल रूप से सक्ती जिले के मालखरौदा ब्लाक अंतर्गत आने वाले ग्राम पंचायत सारसकेल की है।उन्होंने अपने पूरे शरीर मे राम नाम की गुदना कर अपने सम्पूर्ण जीवन प्रभु श्रीराम के नाम ही समर्पित कर रहीं हैं। उन्हें देखकर लोग अपने आंखों पर यकीन ही नही करते हैं आखिर कोई कैसे इस कदर प्रभु श्रीराम की भक्ति कर सकता है। सेतबाई रामनामी अपने जीवन के 35 वें वर्ष में हिन्दू धर्म के अनुसार कर्म कांड को त्याग कर भक्ति में लीन है।
आधुनिकता के दौर में कम हो रही मान्यता
आज के वर्तमान समय में आधुनिकता को देखते अब समाज के लोगों में पूरे शरीर मे गुदना गुदाने की परंपरा अब धीरे धीरे समाप्त हो रही है। लेकिन भगवान राम की भक्ति से जुड़े हुए लोग आज भी अपने परिवार और धर्म की मान्यता को जारी रखते हुए हाथ में सीने के अलावा माथे पर राम-राम की गुदना गुदवा रहे हैं। ताकि प्रभु श्रीराम के प्रति उनकी आस्था और धर्म के प्रति जुड़ाव बनी रहे।प्रधानमंत्री ने किया है सम्मान
सेतबाई रामनामी भगवान राम के प्रति अपने श्रद्धा और पूजा के चलते आज राज्य ही नहीं बल्कि देश विदेश तक उनकी ख्याति है। जहां उन्हें राज्य स्तर में अनेक सम्मान तो प्राप्त है ही। इतना ही नही देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके भक्ति के कायल हैं और खुले मन से प्रधानमंत्री ने उनका तारीफ की है। जो दर्शाती है भगवान राम के प्रति उनके आस्था और भक्ति का पूरे देश विदेश के लोग कायल है। इसके साथ ही सेतबाई रामनामी की अंग्रेजीए हिंदीए छत्तीसगढ़ी के अलावा कई भारतीय भाषाओं में डाक्यूमेंट्री भी बन गई।
पूर्वजों से मिला आशीर्वाद देता है संबल
आपको बता दें किए अखिल भारतीय रामनानी समाज के प्रदेश अध्यक्ष सेतबाई रामनामी ने बताया कि वे केवल भगवान राम की भक्ति के अलावा भी कई तरह की जनहितों से जुड़ी हुई कार्यों में जुटी हुई हैं। जिसमे भीषण अकाल के समय लोगों की मदद करना हो या फिर आज के आधुनिक युग युवाओं को भगवान के बताए मार्ग में चलने और उनके मार्गदर्शन पर चलने की जानकारी देना हो। सेतबाई रामनानी कहती हैं कि भगवान ने सबसे सर्वश्रेष्ठ जीवन इंसान का दिया है। तो हमारा भी फर्ज बनता है कि हम भी मानव जाति का परिचय देते हुए समाज और धर्म की रक्षा करना है।