अटल आवास में रह रहे बेघरों को हटा रही थी कुम्हारी नगर पालिका, हाईकोर्ट ने लगाई रोक

Chhattisgarh Crimes

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने कुम्हारी नगर पालिका की ओर से की जा रही बेदखली की एक कार्रवाई पर अगली सुनवाई तक रोक लगा दिया है। अदालत ने राज्य सरकार को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। नगर पालिका वहां रामपुर चौराहा स्थित अटल आवास के कब्जाधारियों को अवैध बताकर बेदखल कर रही थी। इसके खिलाफ स्थानीय रहवासी उच्च न्यायालय गये थे।

न्यायमूर्ति पार्थ प्रतीम साहू की अदालत में शुक्रवार को सुखशांति बाघ की ओर से दाखिल याचिका की सुनवाई हुई। दोनों पक्षों के वकीलों को सुनने के बाद अदालत ने कहा, याचिकाकर्ता का कहना है कि पिछले 10 से अधिक वर्षों से उस घर में रह रहे हैं। ठंड का मौसम चरम पर है। अगर इस समय उन्हें घर से निकाला गया तो वे सड़क पर आ जाएंगे। ऐसे में अदालत ने अगली सुनवाई तक दोनों पक्षों को यथास्थिति बरकरार रखने को कहा है। सुनवाई की अगली तारीख 3 जनवरी तय की गई है। इस बीच राज्य सरकार को भी जवाब दाखिल करने के लिए नोटिस जारी किया गया है।

कुम्हारी नगर पालिका के रामपुर चौराहा स्थित अटल आवास में बेदखली का विवाद कुछ समय से सुर्खियों में है। आरोप है, यहां रहने वाले 32 लोगों का सामान कुम्हारी नगर पालिका के अमले ने जबर्दस्ती निकालकर बाहर फेंक दिया। लोगों का आरोप है कि वो गरीब लोग हैं और उन्हें पालिका ने ही आवास आबंटित किया था। दुर्भावनावश उनका आबंटन निरस्त करने के लिये नोटिस दी जा रही थी जिसका उन्होंने जवाब भी पालिका में जमा कराया था। इसके बावजूद उनका आबंटन निरस्त कर दिया गया। साथ ही कुछ अन्य लोग आबंटित मकानों को खरीदकर या किराए में लेकर पिछले 10-15 वर्षों से वहां निवास कर रहे हैं।

उनका यह भी कहना है कि उन्होंने हर बार पालिका में लिखित जवाब प्रस्तुत किया है और उनके पास इसकी पावती भी है। लोगों का आरोप था कि कब्जा खाली करने की नोटिस दिये बिना ही अचानक पालिका वाले दल बल सहित मकान खाली कराने पहुंच गए।

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