रायपुर। यूपी STF ने अनवर ढेबर को गिरफ्तार कर लिया है। मंगलवार को देर शाम हुई गहमा-गहमी के बाद अब कल (19 जून) रायपुर कोर्ट में पेश किया जाएगा। यहां से वारंट लेकर यूपी के मेरठ कोर्ट में पेश करने की तैयारी है। इससे पहले अनवर ढेबर की कस्टडी लेने यूपी STF जब रायपुर पहुंची तो अनवर ढेबर के समर्थकों से धक्का-मुक्की भी हुई।
एसीबी कोर्ट से अनवर को जमानत मिल गई थी लेकिन मंगलवार देर शाम जैसे ही वे जेल से बाहर निकले तो यूपी STF उनके सामने थी। समर्थकों के हंगामे के बाद उन्हें सिविल लाइन थाने ले जाया गया। हंगामे को देखते हुए 200 से अधिक पुलिस जवान थाने के अंदर और बाहर तैनात किए गए। यूपी पुलिस होलोग्राम केस में पूछताछ करना चाहती है।
अनवर के वकील ने हाईजैक करने का आरोप लगाया
अनवर ढेबर के वकील अमीन ख़ान ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर अनवर ढेबर को हाईजैक करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि, उच्च न्यायालय से बेल मिली है शाम तक छोड़ना था लेकिन देर रात तक रोक के रखा। खराब स्थिति में परिजन ढेबर को अस्पताल लेकर जा रहे थे लेकिन पुलिस ने अनवर ढेबर को अस्पताल नहीं ले जाने दिया। इसके बाद एक छोटे से पेपर के टुकड़े में गिरफ्तारी की जानकारी दी गई।
यूपी STF ने पेश किया था आवेदन
बताया जा रहा है कि, यूपी STF ने कारोबारी अनवर ढेबर, आबकारी विभाग के अधिकारी रह चुके अरुणपति त्रिपाठी और रिटायर्ड IAS अनिल टूटेजा को ले जाने के लिए आवेदन लगाया था। यह आवेदन सेंट्रल जेल की ओर रायपुर कोर्ट में लगाया गया था। सुनवाई के बाद अरुणपति त्रिपाठी के साथ ढेबर को ले जाने की मंजूरी UP पुलिस को मिल गई थी।
हाईकोर्ट से मिली है जमानत
शराब घोटाला मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो ने जो केस रजिस्टर किया गया था उस पर हाई कोर्ट की ओर से 14 जून को अनवर ढेबर को जमानत दे दी गई है। मंगलवार को देर शाम उन्हें बेल भी दी गई। इस बीच बताया जा रहा है कि उन्हें मेरठ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के कोर्ट में पेश होने का आदेश जारी किया गया है।
क्या है होलोग्राम केस
जुलाई 2023 को नकली होलोग्राम मामले में ED के डिप्टी डायरेक्टर ने नोएडा के कासना थाने में FIR दर्ज कराई थी। 3 मई को यूपी STF ने नकली होलोग्राम बनाने वाली कंपनी प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड के मालिक विधू गुप्ता को नोएडा से गिरफ्तार किया था। जिसने पूछताछ में कई खुलासे किए हैं। आरोपी विधू गुप्ता ने अनवर और अरुणपति का नाम लिया है।
FIR के मुताबिक नोएडा स्थित प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्रा. लि. नाम की कंपनी को एक टेंडर मिला था। यह टेंडर छत्तीसगढ़ के एक्साइज डिपार्टमेंट ने होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से दिया था।
कंपनी निविदा प्रक्रिया में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से उसे पात्र बनाया गया। यह काम छत्तीसगढ़ आबकारी विभाग के विशेष सचिव अरुण पति त्रिपाठी, तत्कालीन आबकारी कमिश्नर निरंजन दास, रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा ने निविदा शर्तों को संशोधित कर किया।
इसके बाद प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नोएडा को अवैध रूप से निविदा आवंटित की। बदले में कंपनी के मालिक को विधू गुप्ता से प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया गया। छत्तीसगढ़ में सरकारी दुकानों से अवैध देशी शराब की बोतलें बेचने के लिए बेहिसाब डूप्लीकेट होलोग्राम लिए गए।
फर्जी ट्रांजिट पास से होती थी सप्लाई
टेंडर मिलने के बाद विधू गुप्ता डुप्लीकेट होलोग्राम की सप्लाई छत्तीसगढ़ सक्रिय गैंग को करने लगा। यह सप्लाई छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के एमडी अरूण पति त्रिपाठी के निर्देश पर हुई। गैंग के सदस्य डूप्लीकेट होलोग्राम को विधू गुप्ता से लेकर सीधे मेसर्स वेलकम डिस्टलरीज, छत्तीसगढ डिस्टलरीज लिमिटेड, भाटिया वाइन एण्ड मर्चेंट प्राइवेट लिमिटेड को पहुंचा देते थे।
इन डिस्टलरीज में होलोग्राम को अवैध शराब की बोतलों पर चिपकाया जाता था। इसके बाद अवैध बोतलों को फर्जी ट्रांजिट पास के साथ दुकानों में पहुंचाया जाता था। फर्जी ट्रांजिट पास का काम छत्तीसगढ़ के 15 जिलों के आबकारी विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों की ओर से होता था।