लोन-फाइनेंस के नाम पर 4 राज्यों में लाखों की ठगी करने वाले तीन अंतरराज्यीय गिरोह पकड़ाये

Chhattisgarh Crimes

रायपुर। सोशल मीडिया में फर्जी विज्ञापन देकर और मुद्रा लोन, बीमा एवं फाइनेंस कंपनियों के नाम पर छत्तीसगढ़ समेत 4 हिन्दी भाषी राज्यों में करोड़ों की ठगी करने वाले 3 युवक उत्तरप्रदेश के शिकारपुर बुलंदशहर में घेराबंदी कर पकड़े गए। पुलिस ने उनके कब्जे से 6 मोबाइल, 3 एटीएम कार्ड, 3 आधार कार्ड, 2 पेनकार्ड, लेपटाप, कीबोर्ड, पेनड्राइव आदि बरामद की है।

पुलिस ने इसकी जानकारी संबंधित राज्यों की पुलिस को देते हुए मीडिया को बताया कि पकड़े गए तीनों युवक सिर्फ 10वीं तक पढ़े-लिखे है और लोन, बीमा, फाइनेंस कराने के नाम पर छत्तीसगढ़ समेत महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों में ठगी करते थे। इतना ही नहीं लोन स्वीकृत होना बताकर इसकी जानकारी वाट्सअप और मेल पर भी भेजते थे। ये पीड़ितों से जीएसटी, टैक्स, लैप्स, एलआईसी, लिमिट बढ़ाने के नाम पर रकम डलवाते थे। पकड़े गए तीनों युवक नीरज कुमार (31), आनंद स्वरूप (19) व चंद्रवीर (33) तीनों बुलंदशहर यूपी के रहने वाले हैं।

पुलिस ने बीरगांव रायपुर के एक मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मठपारा कैलाश नगर बीरगांव का पीयूष देवांगन (23) के मोबाइल पर 7 मई को सोनू कुमार सेक्टर 52 चंडीगढ़ ने कॉल किया। इस दौरान उसने अपने को मुद्रा फायनेंस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चंडीगढ़ का होना बताया। उसने इस बीच पीयूष को 5 लाख रुपये का 5 साल के लिए मुद्रा लोन/ऋण दिलाने आश्वस्त किया और पहचान पत्र समेत सभी दस्तावेज मंगाया। आवेदन के नाम पर 25 हजार रुपये चंद्रवीर के नाम के आईसीआईसी बैंक के एकाउंट में जमा करवाया। इसके बाद आरोपी ने 5 लाख के एक डिमांड ड्राफ्ट की फोटो प्रति भेज दी। वास्तविक डिमांड ड्राफ्ट नहीं आई। 8 मई को उसने एक एलआईसी का इंश्योरेंस मोबाइल पर भेजा और साढ़े 8 हजार रुपये डालने कहा। इसी तरह एकाउंट लिमिट बढ़ाने, आईटी रिर्टन आदि के नाम पर भी पैसा जमा कराया। यह युवक अलग-अलग ढंग से फंसते हुए चला गया और उसे करीब डेढ़ लाख की धोखाधड़ी कर ली गई। इसकी रिपोर्ट उसने उरला पुलिस में दर्ज कराई थी।

बताया गया कि एसपी के निर्देश पर उरला पुलिस और साइबर क्राइम की एक विशेष जांच टीम बनाई गई। टीम ने धोखाधड़ी मामले की अलग-अलग ढंग से जांच की। इस दौरान 3 आरोपी यूपी के शिकारपुर बुलंदशहर में घेराबंदी कर पकड़े गए। पुलिस का कहना है कि जांच के दौरान आरोपी लगातार अपना लोकेशन बदलते रहे। टीम ने दिल्ली में 7 दिन तक उत्तरप्रदेश के गाजियाबाद, बुलंदशहर, नोएडा और दिल्ली में घूम-घूम कर आरोपियों के ठिकानों की तलाश की। इस दौरान उनके मोबाइल नंबर, पेनकार्ड नंबर, आधार नंबर, खाता नंबर सभी फर्जी पाए गए।

आनलाइन ठगी करने में माहिर

आरोपी ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं है, लेकिन ये तीनों कम्प्यूटर से आनलाइन ठगी करने में माहिर हैं। लोगों को झांसा देना इनका पेशा है। इनका कहीं कोई आफिस नहीं है। गांव के खेत-खार, तालाब, रोड किनारे कहीं पर भी बैठकर ठगी का गैंग चलाते थे। ऐसे में इस गैंग को पकड़ने काफी मुश्किल काम था। देश के अलग-अलग जगहों की पुलिस जामताड़ा के तर्ज पर बुलंदशहर के गांवों में लगातार दबिश देती रही, तब जाकर यह आरोपी पकड़े गए।

ऐसे गुमराह करते थे लोगों को

आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में बताया कि वे लोग शिकापुर बुलंदशहर में मैक्स लाईफ इंश्योरेंस, मुद्रा लोन, इंडिया बुल्स, गणेश फाइनेंस, लक्ष्मी फाइनेंस, गणपति फाइनेंस, उज्जीवन फाइनेंस, श्रीराम फाइनेंस एवं सांईराम फाइनेंस जैसे लोन दिलाने वाले बीमा एवं फाइनेंस कंपनी के नाम पर लाखों रूपयों का फर्जी स्टाप पेपर तैयार करते हैं। इसके बाद फर्जी चेक, लोन सर्टिफिकेट तैयार कर उसका वीडियो बनाकर प्रार्थी या पीड़ित को वाट्सअप या मेल के जरिए भेजते हैं, ताकि संंबंधित को गुमराह कर सके और उनसे पैसे ऐठ सके। पुलिस का कहना है कि इस मामले में बीरगांव के युवक को किए गए कॉल नंबर एवं अन्य द्वारा जिन खातों में पैसे जमा कराए गए उन खातों की जानकारी लेते हुए खाता धारक का एटीएम कार्ड बरामद किए गए हैं। ये तीनों युवक भारत के विभिन्न हिन्दी भाषी राज्यों महाराष्ट्र, उत्तरप्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश एवं अन्य राज्यों में करोड़ों की ठगी कर चुके हंै। बुलंदशहर जिले के विभिन्न गांवों में घर का हर सदस्य इस तरह की ठगी में संलिप्त हैं।

टीम को 20 हजार का इनाम

एसएसपी अजय यादव ने धोखाधड़ी के तीनों आरोपियों को पकड़ने वाली टीम की तारीफ करते हुए उन्हें 20 हजार रुपये का नगद इनाम देने की घोषणा की है।