एमए की पांच डिग्रियां, दो आईटीआई डिप्लोमा कर भी डोरेलाल को नहीं मिला रोजगार, अब गोबर बीन कर रहे 300 रुपए प्रतिदिन की कमाई

Chhattisgarh Crimes

धमतरी। एमए की पांच डिग्री और आईटीआई की दो डिप्लोमा करने वाले ग्राम भटगांव का युवक डोरे लाल साहू गोबर बीनकर हर रोज कमा रहा है 300 रुपये। इनसे प्रेरित होकर कुछ अन्य युवक भी गोबर बीनने लगे हैं। रोजगार नहीं है तो इसी को रोजगार का जरिया बना लिया है। वह कहता है सरकार की यह योजना बहुत बढ़िया है, घर बैठे उनको रोजगार मिल रहा है।

जिला मुख्यालय से महज चार किलोमीटर की दूरी पर ग्राम भटगांव है। यहां गोरेलाल साहू रहता है, जिन्होंने एमए तक की पढ़ाई की है। वह स्नातकोत्तर की पांच डिग्री हासिल की है। राजनीति शास्त्र, हिंदी लिटरेचर, समाजशास्त्र व अन्य विषयों में एम ए किया है। इसके अलावा दो बार आईटीआई डिप्लोमा है। इलेक्ट्रीशियन और वेल्डर में डिप्लोमा हासिल की है। डिग्री और डिप्लोमा के भरोसे सालों शासकीय नौकरी और प्राइवेट नौकरी के लिए आवेदन किए, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया और वह बेरोजगार हो गया।

गांव में मजदूरी कर किसी तरह वह जीवन यापन कर रहा था, लेकिन राज्य शासन की गोधन न्याय योजना के तहत शुरू हुए गोबर खरीदी उनके लिए रोजगार का एक बड़ा जरिया बन गया। डोरे लालबताते हैं कि वह हर रोज सुबह ढाई से तीन घंटे गांव में पड़े गोबर को एकत्र करते हैं। यहां तक वह तीन परिवारों से एक रुपए में गोबर की खरीदी करते हैं। जिसे दो रुपये में बेचते हैं। इस तरह एक दिन में वह डेढ़ क्विंटल गोबर एकत्र कर रोज बेच रहे हैं। माह में 9000 रुपये आमदनी हो रही है। जिससे वह खुश है।

गोबर मिलने की कमाई से इलेक्ट्रिक बाइक खरीदी है। पहले साइकिल में गोबर बिनता था, अब वह गोबर बिनने के लिए इलेक्ट्रिक बाइक का उपयोग करते हैं। कई लोगों ने गोबर बीनने के इस काम से ताना मारे, लेकिन वह इसे रोजगार मानते हुए हताश नहीं हुआ। कुछ दिन बेकार लगा, लेकिन अब रोज का काम हो गया है। इतना नहीं डोरे लाल साहू के इस काम से प्रभावित होकर गांव के दो तीन युवक भी गोबर बीनने के काम में जुड़ गए हैं। पहले ग्रामीण ताना मार रहे थे, अब डोरे लाल साहू के इस काम की सराहना हो रही है।

डोरे लाल साहू के पास दो एकड़ की खेती जमीन है। जिस पर वह खेती करता है। उनके दो लड़की है, जो कक्षा ग्यारहवीं और बारहवीं में पढ़ाई करती है। इनके गोबर बिनने से उनके परिवार के सदस्यों को किसी तरह शर्मिंदगी नहीं है। डोरे लाल साहू ने चर्चा करते हुए बताया कि यह उनके लिए काम है। गोबर बीनने में किसी तरह उन्हें शमिंर्दा नहीं होना पड़ता है।

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