नवरात्रि के सातवें दिन मां दुर्गा की सातवीं शक्ति मां कालरात्रि की पूजा की जाती है। माता कालरात्रि को ही महायोगीश्वरी, महायोगिनी और शुभंकरी कहा गया है। मां कालरात्रि की विधिवत पूजा अर्चना करने से माता अपने भक्तों को काल से बचाती हैं अर्थात माता के भक्त को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता। माता कालरात्रि से ही सभी सिद्धियां प्राप्त होती हैं इसलिए तंत्र मंत्र के साधक मां कालरात्रि के विशेष रूप से पूजा अर्चना करते हैं। नवरात्रि की सप्तमी तिथि की पूजा सुबह में अन्य दिनों की तरह की होती है लेकिन रात्रि में माता की विशेष पूजा भी की जाती है।
मां काली को खुश करने के उपाय हैं ये 3 चीजें
1. नींबू की माला
मां काली के बारे में जब आप दुर्गा सप्तशती में पढ़ेंगे तो, पाएंगे कि वो दुष्ट दैत्यों संघार करने आई थीं और एक-एक को मार कर वो अपने गले में माला की तरह पहन कर युद्ध में विचरण कर रही थीं। इन्हीं, दुष्ट दैत्यों का प्रतीक माना है नींबू की माला। माना जाता है कि ये एक प्रकार की बली है जो मां को चढ़ाई गई है और मां ने इसे स्वीकार करेंगी।
2. नीम की पत्तियां
नीम की पत्तियां, मां के क्रोध को ठंडा करने का प्रतीक हैं और माना जाता है कि ये देवी शीतला हैं। नीम की पत्तियों, युद्ध के दौरान मां को शांत रखने में मददगार रहीं। ऐसे में जो भक्त माता काली को नीम की पत्तियां चढ़ाता है, मां उसे शांत, स्वस्थ और सूखी जीवन जीने का आशीर्वाद देती हैं।
3. गुड़हल के फूल
गुड़हल के फूलों को अगर आप देखें तो इसकी एक एक पंखुड़ी मां के लाल जीभ के समान है। साथ ही इसका लाल रंग मां को खुश करता है। इसलिए देवी काली की पूजा इन तमाम चीजों से की जाती है। तो, आप भी नवरात्रि के दौरान इन चीजों से मांकाली की पूजा करके उन्हें खुश कर सकते हैं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)